नई दिल्ली। हिजाब न पहनने की पुलिस ने एक युवती को इतनी खौफनाक सजा दी कि उसकी मौत हो गई। 22 साल की महसा अमिनी की मौत के बाद उनके परिजन ने मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि 22 साल की महसा अमिनी अपने परिवार के साथ किसी टूर पर थी। इस दौरान हिजाब न पहनने पर मंगलवार को स्थानीय पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। कहा जा रहा है कि अमिनी की पुलिस ने पिटाई की जिसके बाद वे कोमा में चली गई और शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया।
अमिनी की मौत के बाद फारसी भाषा के मीडिया ने उसके परिवार के हवाले से कहा है कि जब अमिनी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था तब वो स्वस्थ थी लेकिन गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद अमिनी को कोमा में अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।
उसके थाने पहुंचने और अस्पताल जाने के बीच क्या हुआ यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। एक स्थानीय चैनल का दावा है कि अमिनी के सिर में चोट लगी थी। उधर, अमिनी की मौत की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल के बाहर भीड़ जमा हो गई। कुछ लोगों ने अस्पताल के बाहर सरकार विरोधी नारे भी लगाए। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि जिन परिस्थितियों में 22 साल की महसा अमिनी की हिरासत में संदिग्ध मौत हुई है, उसकी जांच होनी चाहिए। कहा गया है तेहरान पुलिस ने हिजाब न पहनने पर उसे गिरफ्तार कर लिया था और तीन दिन बाद अमिनी की मौत हो गई। जिम्मेदार अधिकारियों को न्याय का सामना करना चाहिए।