मनोरंजन के लिए सेक्स नहीं करती भारतीय लड़कियां

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इंदौर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बलात्कार के मामले में बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा भारत का समाज रूढ़ीवादी है। यह अभी भी सभ्यता के ऐसे स्तर (अत्याधुनिक या निम्न) पर नहीं पहुंचा है जहां किसी भी धर्म की अविवाहित लड़कियां सिर्फ मनोरंजन के लिए यौन संबंध नहीं बनाती हैं, जब तक कि कोई उनसे विवाह का वादा ना करे। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी दुष्कर्म के मामले की सुनवाई के दौरान कही। कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया। इस मामले में आरोपी ने दलील दी थी कि यह आपसी सहमति से बने यौन संबंध का मामला है। हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभयंकर ने इस सप्ताह की शुरूआत में अपने आदेश में कहा कि किसी लड़की के साथ यौन संबंध बनाते समय लड़के को उसका परिणाम भी याद रखना चाहिए। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने लड़की से विवाह का वादा करने के बाद उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि आरोपी आवेदक ने दावा किया है कि उसका लड़की के साथ दो साल से प्रेम संबंध था। उसकी उम्र करीब 21 साल है और दोनों के बीच सहमति से यौन संबंध बने। आवेदक के वकील ने दलील दी कि दोनों के माता पिता इस विवाह के विरुद्ध थे, क्योंकि लड़का हिन्दू और लड़की विशेष वर्ग से है।
अदालत उज्जैन पुलिस द्वारा कथित बलात्कार के आरोप में 4 जून को गिरफ्तार एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। गौरतलब है कि आरोपी द्वारा विवाह से इनकार किए जाने के बाद लड़की ने कथित रूप से आत्महत्या की कोशिश की थी।

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