पौड़ी में बादल फटा 50 मवेशी मरे
चमोली में भूस्खलन से मकानों पर खतरा
देहरादून। पहाड़ पर मानसून का कहर जारी है बीती रात पौड़ी में बादल फटने से भारी तबाही और जानमाल का नुकसान हुआ है वहीं चमोली और जोशीमठ में बारिश और भूस्खलन से लोगों में दहशत का माहौल है। दर्जनभर मकानों पर मलबा आने से उन्हें गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
राज्य में इस साल मानसूनी बारिश ने लोगों का जीवन संकट में डाल रखा है बीते तीन सप्ताह से राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ो तक भारी बारिश से जनजीवन पर संकट बना हुआ है। बीती रात पौड़ी जनपद के खिरसू ब्लॉक के नौगांव में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। इस घटना में कम से कम पांच—छह पशुशालाएं पूरी तरह से मलबे में दब गई है जिसमें 50 से अधिक पशुओं के मरने की खबर है। इस घटना में किसी व्यत्तिQ की जान गई है इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन मौके पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी पहुंच चुके हैं तथा ग्रामीणों की सहायता से बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है।
बादल फटने की घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने व पीड़ितों की मदद के निर्देश दिए गए हैं। उधर चमोली से प्राप्त समाचार के अनुसार यहां बीती रात से भारी बारिश होने की खबर हैं। जोशीमठ के मनोटी क्षेत्र में पहाड़ से बड़े—बड़े बोल्डर और मलवा आवासीय क्षेत्र में आने से 15 घरों को भारी नुकसान हुआ है। क्षेत्र के लोगों में भारी दहशत का माहौल है उनका कहना है कि उनके घरों में दरारें पड़ गई हैं तथा कई लोगों के मकानों को भारी नुकसान हुआ है। लोगों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश के कारण वह अपना घर छोड़कर भी नहीं जा सकते। वहीं क्षेत्र में आवागमन की एकमात्र सड़क भी टूट चुकी है। इस क्षेत्र के दोनों तरफ बरसाती नाले हैं जो इस समय उफान पर हैं। घरों की सुरक्षा के लिए बने कई पुश्ते पहाड़ से मलबा आने के कारण टूट चुके हैं। चमोली के नारायणबगड़ और जोशीमठ क्षेत्र में भारी बारिश से राजमार्ग पर कई जगह मलबा आने से आवागमन बंद हो गया है। मौसम विभाग द्वारा राज्य में 4 दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया था। बारिश से पहाड़ की तमाम सड़कें भूस्खलन के कारण बंद है तथा इन पर आवागमन सुरक्षित नहीं रहा है क्योंकि सड़कों पर मलबा व बोल्डर आ रहे हैं।