टोक्यो। भारत के नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रोअर के फाइनल मुकाबले में इतिहास रच दिया है। नीरज ने भारत को पहला गोल्ड दिलाया है। पानीपत के रहने वाले 23 साल के नीरज ने जर्मनी के जूलियन वेबर और जोहानेस वेटर जैसे दिग्गजों को पछाड़ कर यह मुकाम हासिल किया है। आज खेले गए फाइनल मुकाबले में शामिल सभी 12 एथलीटों में नीरज शुरू पहले स्थान पर काबिज रहे। गौरतलब है कि इस मुकाबले में प्रत्येक खिलाड़ी को 6 मौके दिए जाते है। जबकि इस मुकाबले में नीरज ने पहला थ्रो 87.03 मीटर का था, जबकि दूसरा 87.58 मीटर दूर भाला फेंका है। हालांकि तीसरा 76.79 दूरी पर फेंक पाए। वहीं उनके चौथे और पांचवें राउंड की बात करें तो नीरज चौथे और पांचवें प्रयास में फाउल कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद वह टॉप पर बने रहे। बता दें कि नीरज 2018 में एशियन एथलेटिक्स में भी गोल्ड मेडल जीत चुके है। भारतीय सेना के नीरज की ओलंपिक की तैयारियां 2019 में कोहनी की चोट और फिर कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई थी लेकिन उन्होंने अपने प्रशंसकों को बिल्कुल निराश नहीं किया। ओलंपिक में अपनी पहली ही थ्रो पर फाइनल में जगह बना ली। ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला। बीजिंग ओलंपिक 2008 में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने किया था।