आजादी के 75 साल पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिर परिचित नारे में एक और नया शब्द जोड़ दिया गया है। अब तक वह सबका साथ और सबका विकास की बात करते थे जिसे दोबारा सत्ता में आने के बाद सबका साथ—सबका विकास से आगे ले जाकर इसमें सबका विश्वास जोड़ा गया था लेकिन आज उन्होंने इसमें सब का प्रयास और जोड़ दिया है। यह नारा अब सबका साथ—सबका विकास—सबका विश्वास—सब का प्रयास तक पहुंच गया है। 75 सालों में क्या सबका विकास हुआ? आप चाहे तो यह सवाल उनसे पूछ सकते हैं? क्या सत्ता ने कभी सबको साथ लेकर चलना चाहा क्या सत्ता ने कभी जनता का विश्वास जीतने की कोशिश की या क्या सब के प्रयास के बिना ही देश वहां तक पहुंचा है जहां है? प्रधानमंत्री ने आज 75 वें स्वतंत्रता दिवस वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का ऐलान किया गया है जो पूरे 75 सप्ताह चलेगा, यानी पूरे डेढ़ साल। इस अमृत महोत्सव के जरिए इन 75 सप्ताह में वह सब किया जाएगा जो अब तक नहीं हो सका। गरीबों के उत्थान के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं को गति दी जाएगी, अच्छा है 75 साल बाद ही सही देश से गरीबी तो मिट जाएगी नए रोजगार के अवसर मिलेंगे तो बेरोजगारी का खात्मा भी हो जाएगा। सामर्थ के उपयोग से सबको अवसर मिलेंगे और इस देश की जनता को चाहिए भी क्या? रोटी—कपड़ा और मकान हाथों को काम और जपने को राम। किसान, मजदूर, रेहड़ी, खोमचे वालों से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रेल, हवाई जहाज महिला या बच्चे अपने घंटों लंबे संबोधन में किसी को भी नहीं छोड़ा। विश्वास बनाए रखिए 75 सप्ताह के अमृत महोत्सव वर्ष में विकास को पूर्णता तक पहुंचा दिया जाएगा।