उत्तराखण्ड में लोकायुक्त न होने पर भी प्राप्त हुई 950 शिकायते

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8 साल से नही है लोकायुक्त, प्राप्त हो रही लगातार शिकायतें

देहरादून। उत्तराखंड में भले ही 8 सालों से लोकायुक्त का पद रिक्त हो लेकिन लोकायुक्त कार्यालय को लोक सेवको के विरूद्ध शिकायते लगातार प्राप्त हो रही है। इससें इस बात को बल मिलता है कि शिकायतों पर कार्यवाही की आशंका के चलते प्रदेश के जिम्मेदार लोक सेवको द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति में रूचि नही ली जा रही है जबकि इसके लिये सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त आदेश कर दिये हैं।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने लोकायुक्त उत्तराखंड कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखण्ड लोकायुक्त कार्यालय में प्राप्त शिकायतों व उसने निस्तारण के संबंध में सूचनाये मांगी थी। इसकें उत्तर में लोक सूचना अधिकारी ने 12 अक्टूबर 2021 से प्रथम लोकायुक्त जस्टिस एच. एस.ए.रजा के कार्य भार ग्रहण करने की तिथि 24 .10.2002 सें दूसरे व अब तक के अंतिम लोकायुक्त जस्टिस एम.एम.घिल्डियाल के कार्यभार छोड़ने की तिथि 31.10.2013 तथा इसकेें उपरान्त लोकायुत्तQ का पद रित्तQ रहने की तिथि 1.11.2013 से 11.10.2021 तक प्राप्त व निस्तारित शिकायतों के विवरणो की फोटो प्रतियां उपलब्ध करायी है। नदीम को उपलब्ध विवरणों के अनुसार प्रथम लोकायुक्त द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से सूचना उपलब्ध कराने की तिथि से पूर्व दिनाक 11.10.2021 तक लोकायुक्त कार्यालय को कुल 8515 भ्रष्टाचार आदि की शिकायते, परिवाद लोक सेवको के विरूद्ध प्राप्त हुई, इसमे से 950 शिकायते लोकायुक्त का पद रिक्त रहने के दौरान पिछले ८ वर्षों में हुई हैं। इनमें से कुल 6920 शिकायतों का निस्तारण लोकायुक्त रहने के दौरान किया गया तथा कुल 1595 शिकायतें 11 अक्टूबर 21 कोें लोकायुक्त कार्यालय में लोकायुक्त के इंतजार में लम्बित है।
नदीम को उपलब्ध विवरण के अनुसार लोकायुक्त कार्यालय द्वारा निस्तारित कुल 6920 शिकायतों में 477 शिकायतों में सीधे राहत प्रदान की गयी जबकि 6443 शिकायतों को परीक्षणोपरान्त विभागो को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित एवं निस्तारित कर दिया गया।

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