टोक्यो। टोक्यो पैरालिंपिक में जैवलिन थ्रो की F64 कैटेरी में सुमित अंतिल ने वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। यह भारत का टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में दूसरा गोल्ड समेत कुल सातवां मेडल है। उनसे पहले सोमवार को ही अवनि लेखरा ने शूटिंग में देश को टोक्यो में पहला गोल्ड मेडल दिलाया था। सुमित ने यहां एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन बार अपना ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा। इस इवेंट में हर खिलाड़ी को छह अटेंप्ट दिए जाते हैं। सुमित ने पहले थ्रो में 66।95 मीटर की दूरी पर जैवलिन फेंका। इस थ्रो के साथ ही उन्होंने 2019 में दुबई में बनाए अपने वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा । दूसरे थ्रो में उन्होंने 68।08 मीटर के थ्रो के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया। तीसरे और चौथे अटेंप्ट के थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड से कम रहे। पांचवें अटेंप्ट में 68।55 मीटर के थ्रो के साथ उन्होंने दिन में तीसरी बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
योगेश्वर दत्त को अपनी प्रेरणा मानने वाले अंतिल का साल 2015 में रोड एक्सीडेंट हुआ था। वह बाइक से रोड पर जा रहे थे तभी एक ट्रैक्टर ने उन्हें टक्कर मार दी थी। वह अपनी बाइक से गिर गए थे और ट्रैक्टर उनके पैर पर चढ़ गया था। इस कारण उनका पैर पूरी तरह टूट गया। सुमित ने । कोच नवल सिंह के कहने पर जैवलिन थ्रो शुरू किया। सुमित ने साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में हिस्सा लिया, लेकिन 5वीं रैंक ही प्राप्त कर सका। हालांकि इसके बाद अगले साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता और पैरालिंपिक्स के लिए क्वालिफाई किया।