देहरादून। साईकिल रैली और चंद्रायनी माता की पूजा अर्चना के साथ 50वें स्वर्ण जयंती खलंगा मेले का शुभारम्भ हुआ।
आज यहां बलभद्र खलंगा विकास द्वारा 50वें स्वर्ण जयंती खलंगा मेला —2024 के प्रथम दिन का शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम बलभद्र खलंगा विकास समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापाजी, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, समिति उपाध्यक्षा सूश्री बीनू गुरूंग, सचिव प्रभा शाह एवं उपस्थित महानुभावोें ने खलंगा युद्ध स्मारक (सहस्त्रधारा रोड) में पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए वीरों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात स्वास्थ्य जागरूकता , पर्यावरण संरक्षण संवर्धन एवं स्वच्छता के संदेश हेतु प्रातः7ः00 बजे ’खलंगा बहादुरी साईकिल रैली प्रारंभ हुई। यह रैली खलंगा युद्ध स्मारक सहस्त्र धारा रोड से प्रारंभ होकर खलंगा युद्ध कीर्ति स्तंभ नालापानी में समाप्त हुई। समिति अध्यक्ष कर्नल विक्रम थापा सिंह ने हरी झण्डी दिखाकर रैली का शुभारंभ किया। इस साईकिल रैली का नेतृत्व पहाड़ी पैडलर्स एवं दून बाइक राइडर्स टीम के कर्नल अनिल गुरूंगजी ने किया। चन्द्रयानी मंदिर नालापानी में पूजा, यज्ञ, कीर्तन एवं भण्डारो बलभद्र खलंगा विकास समिति द्वारा आयोजित ऐतिहासिक भव्य 50वें स्वर्ण जयंती खलंगा मेला 2024 के पूर्व दिवस में चन्द्रयानी मंदिर नाला पानी देहरादून में पूजा— अर्चना यज्ञ एवं विशाल भण्डारे का आयोजन प्रतिवर्ष की भांति किया गया। सचिव प्रभा शाह ने अवगत कराया कि नाला पानी पर्वतीय श्रृंखला के सबसे ऊंचे शिखर जिस पर कभी सेनानायक वीर बलभद्र थापा एवं उनके वीर सैनिकों का सुदृढ़ खलंगा किला आज भी गर्व से मस्तक उठाए खड़ा है। सन 1814 में गोर्खाली तथा उत्तर भारत के गढ़वाली एवं कुमाऊंनी और स्थानीय लोग लगभग 600 वीर, वीरांगनाओं , योद्धाओं ने सेनापति बलभद्र थापा के नेतृत्व में अदम्य साहस का परिचय देते हुए तीन बार अंग्रेजों के आक्रमण को पूरी तरह विफल कर दिया था। इस युद्ध में सेनानायक बलभद्र थापा के केवल 600 सैनिकों जिनमें वीर वीरांनाओं एवं बच्चों ने भी अपने प्राचीन हथियारों भरवा बंदूक, धनुष —बाण ,घुयेत्रो, भाला —बरछी और खुखरी से लगभग 3500 से भी अधिक आधुनिक हथियारों एवं गोला बारूद से लैस थी, कई बार परास्त कर लोहे के चने चबवा दिए थे। वीर सेनानायक बलभद्र थापा एवं उनके वीर सैनिक इस चंद्रयानी मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना किया करते थे। यह मंदिर खुले प्रांगण में है। यह भी मानना है कि इस मंदिर पर किसी भी छत जैसा निर्माण किए जाने पर भी छत नहीं रहती हैं। समिति द्वारा इस मंदिर की चारदीवारी निर्माण हेतु वन विभाग से संपर्क एवं लिखित निवेदन किया गया है। आज प्रातः से चंद्रयानी मंदिर नालापानी में अध्यक्षजी एवं समिति सदस्यों नेम पंडित कृष्णा पंथी के साथ पूजा —यज्ञ किया घविशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। आज सायं 6 बजे खलंगा युद्ध स्मारक सहस्त्रधारा रोड में बलभद्र खलंगा समिति एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मण्डल के संयुक्त तत्वाधान में रंगारंग सांस्घ्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जायेगा। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी रविवार 01 दिसम्बर 2024 को प्रातः 11 बजे से ऐतिहासिक भव्य 50वें स्वर्ण जयंती खलंगा मेला—2024 ,सागरताल नालापानी में प्रारंभ होगा। आज इस आयोजन में कर्नल सीबी थापा, कर्नल एमबी राना, राम सिंह थापा, कै.वाईबी थापा, संजय थापा , एडवोकेट एलबी गुरूंग,पूर्व अध्यक्ष राम सिंह थापा, दीपक बोहरा, कर्नल डीएस खड़का, शमशेर थापा, श्रीमती सुनीता गुरूंग, श्रीमती नीरा थापा, श्रीमती उषा उनियाल, रणवीर थापा, अशोक वल्लभ शर्मा, राकेश उपाध्याय, अनिल थापा, राजू गुरूंग, श्रीमती शुभवंती उपाध्याय, इंद्रेश उपाध्याय एवं रायपुर कीर्तन मंडली एवं अन्य उपस्थित रहे।