ठगों का फैलता महाजाल

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प्रदेश की राजधानी में ठगों का जाल लगातार फैलता ही जा रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई तमाम हिदायतों के बावजूद लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इन लोगों में वह लोग भी शामिल हैं जो उच्च शिक्षित वर्ग से आते हैं लेकिन फिर भी ठगी का शिकार बन जाते हैं राजधानी देहरादून में तकरीबन रोजाना ही ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं ऐसे मामलों में पुलिस खुलासा भी कर रही है इसके बावजूद भी नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों राजधानी देहरादून में एसटीएफ द्वारा कई अंतरराष्ट्रीय काल सेंटरों का भंडाफोड़ किया गया था जो विदेशों में बैठे लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। इसी तरह से राजधानी के लोग भी साइबर क्राइम का शिकार बन रहे हैं जिनके खातों से रकम उड़ाई जा रही है वह पुलिस की शरण में जाते हैं। साइबर क्राइम के अलावा भी राजधानी में कई ऐसे ठग गिरोह सक्रिय है जो नौकरी, जमीन आदि के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी करते रहते हैं और ठगी का शिकार हुए लोग पुलिस के चक्कर काटते रहते हैं। कुछ मामलों का खुलासा तो हो जाता है लेकिन कई मामलों में आरोपियों के फरार होने के चलते मामले लटक जाते हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए लोगों को खुद ही अब सचेत रहना होगा। नौकरी का झांसा देखकर पैसे लेने वालों की बातों में आकर लोग अपनी मेहनत की कमाई उड़ा देते हैं। इस तरह के समाचार अखबारों में छपने के बावजूद भी लोग सबक नहीं लेते हैं और अच्छी नौकरी के चक्कर में अपना पैसा गंवा बैठे हैं। इस तरह से अगर समाज का एक पढ़ा—लिखा वर्ग ही फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के झांसे में आ रहा है तो सामान्य वर्ग से क्या अपेक्षा की जा सकती है। ऐसे में आखिर पुलिस भी कितने लोगों को सतर्क करेगी और कितनों की रकम वापस दिलवाई। लोगों को खुद ही ऐसे ठगों का शिकार बनने से सावधान रहना होगा। तभी अपनी मेहनत की कमाई को बचाया जा सकता है अन्यथा साइबर क्राइम का जिस तरह से जाल फैलता जा रहा है उससे हर कोई उनकी ठगी का शिकार बन जाएगा।

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