तेज होते रूसी हमलो ने बढ़ाई भारत की चिंता

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यूक्रेन में अभी भी फंसे हैं अनेक छात्र
क्रासर—8 मार्च तक चलेगा अभियान गंगा
अब तक लगभग 4 हजार छात्र लौटे

नई दिल्ली/देहरादून। यूक्रेन पर रूसी हमलो के बीच फंसे भारतीय छात्रों की सकुशल वापसी के लिए भले ही केंद्र सरकार द्वारा गंभीर प्रयास किए जा रहे हों,ं लेकिन युद्ध की विभीषिका में फंसे और डरे सहमेेंं उन छात्रों की वापसी की चुनौती और भी गंभीर होती जा रही है जो अभी भी यूक्रेन के कई शहरों में फंसे हुए हैं तथा उन्हें वहां से निकालने का कोई मौका नहीं मिल पा रहा है।
खास बात यह है कि भारत सरकार के पास उपलब्ध जानकारियों के अनुसार भले ही अब अधिक छात्र यूक्रेन में न हो और उनकी सुरक्षित वापसी की बात की जा रही हो, लेकिन जिन अभिभावको की अब अपने बच्चों से बात तक नहीं हो पा रही है उनकी चिंताएं बढ़ती ही जा रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा दी गई सूचनाओं के अनुसार 17 हजार से अधिक भारतीय छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं जबकि अभी तक यूक्रेन के पड़ोसी देशों से अभियान गंगा के तहत आने वाली 10 फ्लाइटों से 3784 छात्र—छात्राओं को लाया जा सका है। बाकी के बारे में कहा जा रहा है कि वह सीमावर्ती देशों में आ चुके हैं तथा उन्हें लाने के लिए अभियान तेजी से चलाया जा रहा है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूस के राष्ट्रपति पुतिन से जब भारतीय बच्चों की सुरक्षा को लेकर बात की गई तो उनके द्वारा यूक्रेन पर ही छात्रों को बंधक बनाने और अपनी सुरक्षा ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया, जिसका भारतीय विदेश और रक्षा मंत्रालय द्वारा खंडन किया गया है। हालांकि इसके बारे में अभी कोई सुनिश्चित संख्या पता नहीं है कि कुल कितने छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं लेकिन इन छात्रों की संख्या अभी भी हजारों में बताई जा रही है। जिन्हे सकुशल भारत लाने की चुनौती सरकार के सामने है। भारत के लिए चिंता का विषय यह है कि रूस यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के अभी रुकने के आसार तो दिखाई दे ही नहीं रहे हैं बल्कि रूस के हवाई और मिसाइल हमले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। यूक्रेन के 15 शहरों पर रूस ने भारी बम की वर्षा की है और मिसाइल हमले किए हैं जो अपनी तबाही की गवाही दे रहे हैं।
जहां तक उत्तराखंड की बात है तो अभी भी उत्तराखंड के लगभग 200 से अधिक छात्र—छात्राएं वापस नहीं आ सके हैं। राज्य सरकार के पास जिन 282 छात्रों के यूक्रेन में होने की जानकारी थी उनमें से अभी तक 72 की वापसी ही संभव हुई है। जब तक भारत के सभी छात्र वापस अपने घर नहीं पहुंच जाते तब तक अभियान गंगा (8 मार्च) तक जारी रखने की बात कही गई है। क्या 8 मार्च तक सभी छात्रों की वापसी हो सकेगी यह सवाल अभी सवाल ही बना हुआ है।

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