लखीमपुर कांड की जांच से संतुष्ट नहीं कोर्ट
कहा सरकार व पुलिस सबके साथ समान व्यवहार करें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर असंतोष जाहिर करते हुए लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कड़ी फटकार लगाई है। गंभीर धाराओं में नामजद एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताते हुए पीठ ने कहा कि आरोपी चाहे कोई भी हो हम सरकार और पुलिस के समान व्यवहार की अपेक्षा करते हैं।
मुख्य न्यायधीश एन वी रमना और जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने आज घटना के मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की अभी तक गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आरोपियों के साथ हम अलग अलग तरह का व्यवहार कैसे कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि जिस तरह से वीडियो में गाड़ी चलाते हुए देखा जा रहा है उसे देखकर तो यह आरोप सही लगते हैं।
सरकार की तरफ से आज सालिशटर हरीश साल्वे पेश हुए और यूपी सरकार का पक्ष के सामने रखता। साल्वे ने कहा कि आरोपी के आवास पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है तथा गोली लगने से किसी की मौत नहीं हुई है, जैसा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बताती है तो कोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी और कहा कि हम पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। जब साल्वे ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप सकते हैं तो उन्होंने कहा कि क्या सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंपना जरूरी है। साल्वे ने कहा कि मुख्य आरोपी ने पेशी के लिए कुछ और समय मांगा है। अदालत ने यूपी सरकार से इस मामले की पूरी स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
अदालत ने जब इसकी जांच के मामले में जानकारी मांगी तो जांच कमेटी के गठन के सवाल पर पीठ ने कहा कि हम अपने ही अधिकारियों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह निष्पक्ष जांच करेंगे? अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।