सीमावर्ती गांवों से पलायन रोकने की जरूरत
फरीदाबाद सूरजकुंड। दो दिवसीय गृह मंत्रियों के सम्मेलन के दूसरे दिन आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की तमाम आंतरिक और कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्यायें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखते हुए केंद्र सरकार से 750 करोड़ रुपए की मदद की मांग की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार द्वारा अंग्रेजों के समय से चली आ रही राजस्व पुलिस की व्यवस्था को समाप्त कर रेगुलर पुलिस की तैनाती पर काम शुरू कर दिया गया है। जिसके लिए तमाम नए थाने और चौकियों को खोले जाने का काम किया जाना है। वही स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस कर्मियों को मिलने वाली सुविधाओं और संसाधनों पर अत्यधिक खर्च किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए हिम प्रहरी योजना की शुरुआत की गई है। जिसके लिए हर माह 5 करोड़ रूपया चाहिए, साथ ही उन्होंने कहा कि नेपाल और चीन से राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के लगने के कारण उत्तराखंड के लिए उसकी आंतरिक सुरक्षा का मुद्दा अत्यंत की जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य से पलायन का मुद्दा भी उठाया उन्होंने कहा कि हमारे सीमावर्ती गांवों से पलायन के कारण राज्य की आंतरिक सुरक्षा कमजोर हो रही है। सीमावर्ती गांवों के लोग एक सजग प्रहरी का काम करते थे। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में विकास की बात करते हुए कहा कि जब विकास होगा तभी पलायन भी रुकेगा और हमारी सुरक्षा पंक्ति मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि एक पर्यटन प्रदेश होने के कारण किसी भी व्यक्ति का उत्तराखंड पहुंचना मुश्किल नहीं है लेकिन कौन किस उद्देश्य से आया और कहां कहां गया और किसने क्या किया उसके बारे में बिना स्मार्ट पुलिसिंग के नजर रख पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए उच्च तकनीक और बेहतर हथियारों की जरूरत होती है। इसके लिए राज्य सरकार को 750 करोड़ रुपए की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यटन राज्य होने के कारण राज्य में अलग पर्यटन पुलिस की व्यवस्था एक बेहतर विकल्प है। इससे पूर्व उन्होंने आज सुबह चिंतन शिविर मेें योगाभ्यास भी किया।