वाराणसी जिला अदालत का बड़ा फैसला: श्रृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

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फैसले को लेकर हिंदू पक्षकारों में खुशी की लहर
हाई कोर्ट जाएंगे मुस्लिम पक्षकार, लड़ेंगे कानूनी लड़ाई

वाराणसी। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस मामले में 21 दिन चली सुनवाई के बाद आज वाराणसी जिला अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए श्रृंगार गौरी को सुनवाई योग्य बताकर मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया गया जिसमें 1991 के बर्शिप एक्ट के तहत किसी पूजा स्थल पर बदलाव नहीं किए जाने की व्यवस्था दी गई है।
मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज किए जाने और श्रृंगार गौरी में पूजा अर्चना की हिंदुओं की याचिका को सुनवाई योग्य बताये जाने से हिंदू पक्षकारों में खुशी की लहर है। अदालत द्वारा दोनों ही पक्षों की प्रतिकार याचिका दायर करने के लिए 22 सितंबर की तारीख तय की गई है। उधर अदालत के इस फैसले पर मुस्लिम पक्षकारों ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है कि वह न्यायालय के आदेश का सम्मान करेंगे तथा आदेश का अध्ययन करने के बाद इसका पुरजोर प्रतिकार करेंगे क्योंकि यह आदेश 1991 के बर्शिप एक्ट का उल्लंघन है।
उधर अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि श्रृंगार गौरी का पूजा अर्चना की याचिका सुनवाई योग्य है तथा इस फैसले में अदालत द्वारा ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 1992 में हिंदुओं से यह पूजा का अधिकार छीन लिया गया था। जिसे लेकर 5 हिंदू महिलाओं द्वारा अदालत में याचिका दायर करते हुए कहा गया है कि श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना का अधिकार उन्हें साल में सिर्फ 1 दिन मिलता है हर रोज क्यों नहींं। उनका कहना था जब श्रृंगार गौरी के अस्तित्व को स्वीकार किया जा रहा है उन्हें हर दिन पूजा करने का अधिकार होना चाहिए। अदालत द्वारा इसी मामले को लेकर ज्ञानवापी का सर्वे कराया गया था जिसमें वजू खाने में शिवलिंग मिलने और अन्य स्थानों पर हिंदू सनातन धर्म के चिन्ह मिलने की बात सामने आई थी। अदालत ने अब इस सर्वे को सुनवाई में शामिल करने की बात कहते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के वक्फ बोर्ड की जमीन पर होने का दावा भी खारिज होता है।
हिंदू पक्षकारों द्वारा इसे अपनी बड़ी जीत बताया जा रहा है और श्रृंगार गौरी की पूजा करने का अधिकार की बहाली तथा ज्ञानवापी मस्जिद पर अपने दावे को पुख्ता होने की दिशा में पहला बड़ा कदम बताया जा रहा है। फैसले के बाद हिंदू पक्षकारों की लीगल टीम श्रृंगार गौरी के दर्शन करने भी गई।

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