देहरादून। लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता जल्द लागु होने वाली है जबकि चुनावी रण का बिगुल पहले ही बज चुका है, ऐसे में उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं का लगातार इस्तीफा दिया जाना कांग्रेस के लिए ंचिंता का विषय बन चुका है। इस क्रम में एक बार फिर कांग्रेस के प्रदेश सचिव का इस्तीफा कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजने की ओर इशारा कर रहा है।
आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व दर्जा राज्य मंत्री एवं कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव गोपाल सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि भव्य राम मंदिर की स्थापना,कश्मीर से धारा 370 हटाना और अन्य कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे प्रत्येक नागरिक भारत का जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान देश में नागरिक हितों में कई निर्णय लिए गए, साथ ही प्रदेश में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लगातार किए जा रहे कार्य प्रभावित करते हैं यही कारण है कि आज सुबह गोपाल सिंह रावत ने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी एवं संगठन के सभी पदों से दे डाला है।
विपक्ष की मुख्य पार्टी कांग्रेस लगातार प्रयास तो करती नजर आ रही है कि वह लोकसभा 2024 के रण में कुछ ऐसा करें कि वह पुनर्जीवित नजर आए, लेकिन कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता इस्तीफा दे रहे हैं तो अब ऐसा लगने लगा है कि इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की हालत कुछ बहुत ज्यादा बेहतर नहीं हो पाएगी। सूत्र बताते हैं कि गोपाल सिंह रावत जल्द ही अपने सैकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।