- अल्मोड़ा में कोसी में बहे दो युवक, एक की मौत
- हेमकुंड साहिब में बर्फबारी, पहाड़ियां हुई सफेद
- सड़के जगह—जगह बंद, फंसे हुए हैं, अनेक यात्री
देहरादून। उत्तराखंड में मानसूनी आपदा का कहर लगातार जारी है। राज्य में हो रही भारी बारिश से नदी, नाले खाले ऊफान पर हैं तथा पहाड़ों की दरकने से सड़कों को भारी नुकसान हो रहा है। बीते कल से राजधानी दून सहित राज्य के अन्य चार—पांच जिलों में भारी बारिश के कारण कई हादसे भी सामने आए हैं अल्मोड़ा में कोसी नदी के तेज बहाव में बहने से एक युवक की जान चली गई वहीं दूसरे की जान किसी तरह बच गई।
दो युवकों के कोसी नदी में बहने की सूचना पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने किसी तरह इन युवकों को नदी से निकाला लेकिन इलाज से पहले ही एक ने दम तोड़ दिया जबकि पानी में डूबने से दूसरे की तबीयत खराब होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर नैनीताल से प्राप्त समाचार के अनुसार रामनगर क्षेत्र में नाले में आए तेज बहाव में एक ऑटो रिक्शा बह गया। लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह हिम्मत दिखाकर उसे तेज बहाव से बाहर खींच लिया।
बीती रात से उत्तरकाशी और चमोली में भी भारी बारिश हो रही है यहां पर पहाड़ से मलवा आने के कारण गंगोत्री यमुनोत्री का रास्ता बाधित हो गया है तथा बहुत सारे यात्रियों के फंसे होने की खबर है। केदारनाथ के पैदल मार्ग पर भूस्खलन के कारण आवागमन ठप है तो बद्रीनाथ हाईवे भी अनेक स्थानों पर भूस्खलन के कारण बंद है। चमोली के हेमकुंड साहिब की पहाड़ियों में बीती रात से बर्फबारी भी हो रही है जिससे हेमकुंड साहिब का नजारा अत्यंत ही मनमोहक हो गया है।
उधर वरूणावत पर्वत से एक बार फिर बोल्डरों की बरसात शुरू हो गई जिसके कारण पहाड़ के नीचे रहने वालो के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन अब यहां से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण देने के काम में जुटा हुआ है। अभी 4 दिन पहले ही आपदा प्रबंधन सचिव ने वरूणावत का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था अब अगर बरसात का क्रम आगे जारी रहता है तो वरूणावत की समस्या और विकराल रूप ले सकती है।