तेज गति वाहन की सूचना देने वाले का ही वीडियो बनाने लगी पुलिस

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देहरादून। दो दिन पूर्व हुई दुर्घटना वाले दिन एक होटल व्यवसायी ने भी एक तेज रफ्तार कार की सूचना राजपुर थाना पुलिस को दी थी लेकिन पुलिस वाहन की सूचना प्रसारित करने के बजाय शिकायतकर्ता का ही वीडियो बनाने लगी। इससे यह साफ हो जाता है कि दून पुलिस अपने कर्त्तव्यों के प्रति कितनी सजग है।
उल्लेखनीय है कि 11 नवम्बर की रात्रि करीब साढे बारह व पौने एक बजे के करीब एक होटल व्यवसायी अपने परिवार के साथ पैसेफिक मॉल से बाहर आ रहे थे तभी उन्होंने देखा कि एक लग्जरी कार तेज गति से विपरित दिशा की ओर भागी जा रही थी। जब वह कार होटल व्यवसायी के परिवार के करीब से निकली तो उनके होश उड गये और सभी दहशत में आ गये। जिसके तुरन्त बाद होटल व्यवसायी ने इसकी सूचना राजपुर थाना प्रभारी पीडी भटट को दी तथा डायवर्जन पर पुलिस पीकेट पर पहुंचकर वहां मौजूद पुलिस कर्मियों को सूचना दी कि एक तेज गति से कार विपरित दिशा से होते हुए निकली है वह कोई दुर्घटना कर सकती है उसको रोके जाना आवश्यक है। लेकिन यहां पर होटल व्यवसायी अचम्भे में आ गया कि वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसकी बात पर ध्यान देने के बजाय उसकी ही वीडियो बनानी शुरू कर दी। जिससे वह अचम्भे में आ गया और उसने पुलिस कर्मियों से कहा भी कि उसकी वीडियो बनाने की बजाय उक्त कार को रोकने के लिए वायरलेस करे लेकिन पुलिस कर्मियों ने ऐसा करने की कोई जहमत नहीं उठायी। जिसके बाद होटल व्यवसायी ने इसकी सूचना एसएसपी व जिलाधिकारी को ईमेल के माध्यम से अवगत कराया। यह हाल दून पुलिस का है। अगर वह ऐसे तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम कसने में जहमत उठाती तो शायद छह जाने बच सकती थी। क्योंकि जिस तेज रफ्तार वाहन से छह जाने गयी वह भी कई चौक व चौराहे पार करते हुए घटनास्थल तक पहुंची होगी और उनको पहले ही रोक लिया जाता तो शायद छह परिवारों के दीपक ना बुझते। यहां एक बात तो साबित हो गया कि दून पुलिस इन मामलों को गम्भीरता से नहीं लेती है अगर पुलिस मामलों को गम्भीरता से लेती तो ऐसी कई जानें बच सकती थी।

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