उपनल कर्मियों को बड़ा झटका

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  • सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका

देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य के उपनल कर्मियों के नियमितिकरण पर फैसला नहीं ले पा रही है। सरकार के रवैया से यह साफ है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर इस मामले को अभी कानूनी दांव पेचों में ही उलझाए रखना चाहती है। जबकि सालों से अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर अब उपनल कर्मियों ने आर—पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
उपनल कर्मियों के साथ बातचीत में कोई समाधान न निकल पाने के बाद अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की है। तथा कर्मचारियों को नियमित करने में अपनी असमर्थता जाहिर की है। हाईकोर्ट से भले ही उपनल कर्मियों को कोई राहत नहीं मिल सकी थी लेकिन हाई कोर्ट के फैसले को उपनल कर्मियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिसमें उन्हें बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए सरकार को निर्देश दिया गया था कि इतने लंबे समय से काम कर रहे इन सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर हीला हवाली करने की कोशिश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि उपनलकर्मी 2018 से नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे हैं। 2018 के हाई कोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट से आए आदेश के बाद इन कर्मचारियों को लगा था कि अब उनके नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया है। अभी बीते 11 नवंबर को इन कर्मचारियों की मुख्य सचिव के साथ वार्ता हुई थी जिन्होंने कर्मचारियों से 25 नवंबर तक का समय मांगा था। लेकिन इससे पहले ही आज सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने से कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि सरकार की इस पुनर्विचार याचिका से सरकार की मंशा साफ हो गई है कि वह इन 22 हजार से अधिक कर्मचारियों को नियमित करना ही नहीं चाहती है। उधर उपनल कर्मियों का कहना है कि वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। अभी कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की बात कही है।

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