- नए कानून के विरोध में देशव्यापी हड़ताल
- ट्रक, बस, टैक्सी, विक्रम और ऑटो सब बंद
देहरादून। नए परिवहन नियमों को अत्यधिक सख्त किए जाने से देश के वाहन चालकों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार नए कानून को वापस ले अन्यथा वह आर—पार के आंदोलन पर मजबूर होंगे। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर आज से ड्राइवरों ने तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। चालकों की इस हड़ताल को मोटर तथा ट्रक और तमाम टैक्सी यूनियनों का समर्थन मिलने के कारण इसका व्यापक असर देखा जा रहा है।
ट्रक, बस, टैक्सी, ऑटो और विक्रमों के पहिए थम जाने से यात्रियों और व्यापारियों से लेकर आम आदमी तक को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है रोडवेज की बसों से लेकर ट्रकों व टैक्सियों तथा ऑटो की हड़ताल से हर जगह यात्रियों की भीड़ लगी हुई है तथा उन्हें आगे जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए अभी हाल में ही कानून में कुछ बदलाव किए गए थे, जिसके तहत सड़क हादसे में मौत होने की स्थिति में ड्राइवर को 10 साल की सजा और 5 लख रुपए जुर्माना का प्रावधान किया गया है। ड्राइवरों का कहना है कि इस तरह के सख्त कानून के बीच सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाएगा। अब तक सड़क दुर्घटनाओं के लिए जो कानून थे उसमें सड़क हादसे के बाद ड्राइवर को तत्काल जमानत मिल जाती थी। लेकिन अब सड़क हादसे में मौत की स्थिति में उसे जमानत नहीं मिल सकती है और अब उसका जेल से बाहर आना भी संभव नहीं है।
चालकों का कहना है कि वह कोई बहुत अमीर लोग नहीं हैं जिन्हें 10 साल की सजा या 5 लाख के जुर्माने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अगर किसी ड्राइवर के साथ यह अनहोनी होती है जिसकी संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है ऐसी स्थिति में उसके पूरे परिवार का क्या होगा, इसका कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
तीन दिवसीय इस हड़ताल के पहले दिन आज राजधानी दून सहित पूरे उत्तराखंड में व्यापक असर देखने को मिला। अगर यह हड़ताल तीन दिन जारी रहती है तो इसका असर और भी व्यापक स्तर पर देखने को मिलेगा। चालकों की मांग है कि सरकार इस नए परिवहन कानून को वापस ले अन्यथा वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर मजबूर होंगे। दून में जो विक्रम व ऑटो चालक सड़कों पर चल रहे थे उन्हें भी यूनियन के लोगों द्वारा जबरन जगह—जगह रोका गया। जिसके कारण बस अड्डे से लेकर अन्य तमाम स्थानों पर यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।