डेंजर जोन खाली करने के आदेश

0
267

3 दिन का समय दिया, एसडीआरएफ करेगी मदद

आपदा प्रबंधन के लिए तैनात किए 10 अधिकारी
लाल निशान लगे घरों में प्रवेश पर लगाई पाबंदी

जोशीमठ। जिला प्रशासन द्वारा डेंजर जोन में चिन्हित किए गए सभी परिवारों को 3 दिन में घर खाली करने के आदेश दिए गए हैं। अभी तक डेंजर जोन से सिर्फ 46 परिवारों को ही सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा चुका है जबकि डेंजर जोन में 129 घर चिन्हित किए गए हैं।
जिला प्रशासन का कहना है कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए जोशीमठ को अलग—अलग जोन में बांटकर बचाव राहत का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी द्वारा बीते कल डेंजर जोन को खाली करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए थे। जिस पर अमल करते हुए अब डेंजर जोन में चिन्हित सभी परिवारों को एसडीआरएफ की मदद से हटाया जा रहा है 129 घर जो डेंजर जोन में है उन्हें खाली करने को 3 दिन का समय दिया गया है जिसमें मदद के लिए 60 एसडीआरएफ के जवानों को लगाया गया है। खास बात यह है कि कुछ लोग अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है जो घर छोड़ने को तैयार नहीं है उन्हें 3 दिन बाद जबरन घर से हटाया जाएगा।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि अब तक 48 परिवार शिफ्ट किए जा चुके हैं कल भी दो परिवारों को शिफ्ट किया गया लेकिन अभी भी लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं है उन्होंने कहा कि 45 परिवारों को आपदा राहत राशि व सामान के लिए राहत राशि दी जा चुकी है। उनका कहना है कि जिन घरों पर लाल निशान लगाए गए हैं उन घरों और वार्ड में प्रवेश पर पूर्ण पाबंदी होगी कोई भी अब उन घरों में नहीं घुस सकेगा।
उधर मंडलायुक्त गढ़वाल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आपदा प्रभावित जोशीमठ में मदद के लिए 10 अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है जो 24 घंटे जोशीमठ में रहकर हालात पर नजर बनाए रखेंगे। इन अधिकारियों में एक ंएकडीएम, 3 एसडीएम और 6 तहसीलदार होंगे। इसके अलावा शासन स्तर के कुछ अधिकारी भी वही कैंप करेंगे। जिसमें आपदा प्रबंधन और आवास प्रबंधन से जुड़े अधिकारी होंगे।


नया जोशीमठ बसाना होगाः हरीश रावत


देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि जोशीमठ आपदा कोई सामान्य आपदा नहीं है। यह एक बड़ी आपदा है। हालात ऐसे हैं कि कभी भी पूरा जोशीमठ तबाह हो सकता है ऐसी स्थिति में प्रभावित क्षेत्र से तत्काल सभी लोगों को हटाए जाने की जरूरत है और इसके लिए हमें एक नया जोशीमठ बसाना पड़ेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोगों की जान माल की सुरक्षा पहले जरूरी है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए उनके रहने खाने की व्यवस्था की जाए उनके पुनर्वास और जोशीमठ को बचाने का काम तो बाद की बात है। उन्होंने कहा कि यह हालात सामान्य नहीं है यह एक राष्ट्रीय आपदा जैसी है। उन्होंने कहा कि राज्य में केदार पूरी और बद्रीनाथ के साथ—साथ पूरे प्रदेश में हो रहे तमाम निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here