10 से 5 तक काम करने की मानसिकता छोड़े
तीन दिन नहीं हर रोज मंथन करें अधिकारीः संधू
मसूरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मसूरी में आयोजित तीन दिवसीय मंथन शिविर के आयोजन का शुभारंभ करते हुए अपने संबोधन में अधिकारियों को नसीहत दी कि वह ड्यूटी आवर पूरे करने और फाइलों को इधर से उधर भेजने के लिए काम न करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को 10 से 5 बजे तक ड्यूटी करने की मानसिकता को बदलना होगा तथा दिल से विकास के लिए काम करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा 2025 तक राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए विकास का रोड मैप तैयार करने के लिए मसूरी में लाल बहादुर प्रशासनिक अकादमी में तीन दिवसीय मंथन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। नीति आयोग की पहल पर आयोजित इस मंथन शिविर में अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व बुद्धिजीवियों के साथ उन तमाम मुद्दों पर मंथन किया जाएगा जो राज्य के विकास को नई दिशा दे सकते हैं। राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति में सुधार तथा प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने और औघोगिक तथा कृषि क्षेत्र के अलावा सर्विस सेक्टर में सुधार के लिए किस तरह की नई योजनाओं को लागू किया जा सकता है जैसे मुद्दों पर चिंतन मंथन के बाद विकास का रोड मैप तैयार किया जाएगा।
आज मंथन शिविर के पहले दिन अधिकारियों द्वारा इस शिविर में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह ड्यूटी आवर पूरे करने के लिए ड्यूटी न करें। उनकी काम करने की मानसिकता में काम कैसे बेहतर तरीके और जल्दी से जल्दी किया जा सकता है जैसी सोच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि एक विभाग द्वारा दूसरे विभाग पर काम की जिम्मेदारी डाल कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है इस प्रवृत्ति को बदलना जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने अपने संबोधन में कहा कि अधिकारियों को इस मंथन शिविर में सिर्फ तीन दिन मंथन करने भर की जरूरत ही काफी नहीं है कि क्या बेहतर हो सकता है उन्हें हर दिन यह सोचने की जरूरत है कि वह अपने क्षेत्र में क्या और बेहतर कर सकते हैं। राज्य के आर्थिक स्रोत बढ़ाकर राज्य को कैसे आत्मनिर्भर बनाना है इसके लिए वर्तमान की योजनाओं से अलग हटकर सोचने की जरूरत है। इस शिविर मेंं कल विधायक और मंत्रियों द्वारा मंथन किया जाएगा। इस अवसर पर नीति आयोग के अध्यक्ष सहित राज्य के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।