अधिकारी लगा रहे हैं चिंतन को पलीता

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एसडीएम रामनगर पर उत्पीड़न का आरोप
ऑबलाइजेशन
को मानते हैं अपना अधिकार
क्या इसी तरह से सुधरेगा सिस्टम

देहरादून/रामनगर। उत्तराखंड की सरकार और सचिवालय में बैठे अधिकारी भले ही देहरादून से दिल्ली तक अपने मंसूरी के चिंतन मंथन शिविर से अमृत निकालने का डंका पीट रहे हो लेकिन रामनगर के एक व्यवसाई का वह पत्र जो सोशल मीडिया की सुर्खियों में है सूबे के गले—सड़े सिस्टम की पोल खोल रहा है।


रामनगर के व्यवसाई कमल नयन त्रिपाठी जिनका रामनगर में एक रिजार्ट है, द्वारा सोशल मीडिया में पोस्ट किए गए पत्र में एसडीएम रामनगर पर मुफ्त सेवाएं देने के बाद उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। साथ ही उन्होंने अपने इस पत्र के माध्यम से रिजार्ट एसोसिएशन से इस उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई में सहयोग की अपील की गई है। उनका आरोप है कि एसडीएम रामनगर द्वारा बीते 17 नवंबर को रिजार्ट में फोन कर 18 नवंबर से 20 नवंबर तक 3 दिन के लिए चार कंप्लीमेंट्री रूम बुक करने को कहा गया। रिजार्ट कर्मियों ने उन्हें कन्सेशन रेट पर कमरा उपलब्ध कराने को कहा गया तो एसडीएम ने खुद फोन कर मुझे कहा कि यह कमरे कमिश्नर के गेस्ट के लिए चाहिए। साथ ही कहा गया कि वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हूं।
रिजार्ट स्वामी का कहना है कि 20 दिन पहले भी एसडीएम द्वारा उनके रिजार्ट में दो कमरे कमिश्नर के गेस्ट के नाम पर बुक कराये गये थे। जिनका रहना खाना सब कुछ मुफ्त था लेकिन ड्रिंक्स का बिल लिया गया। इस बिल को लेकर भी एसडीएम ने इसे रिफंड करने को कहा था जो रिफंड कर दिया गया था लेकिन एसडीएम को यह इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने 15 लोगों की टीम रिजार्ट की जांच के लिए भेज दी। रिजार्ट स्वामी का कहना है कि अंकिता भंडारी कांड के बाद अभी 15 दिन पहले ही उनके रिजार्ट जिसका नाम आहना है, की जांच की गई थी जिसमें सबकुछ परफेक्ट पाया गया था। सवाल यह है कि जब 15 दिन पहले सब कुछ ठीक—ठाक था तो इसकी दोबारा जांच का क्या मतलब है।
उनका कहना है कि शासन प्रशासन में बैठे लोगों को अगर कोई व्यवसाई ऑबलाइज कर भी देता है तब भी उनके द्वारा उनका उत्पीड़न किया जाता है। नैनीताल होटल एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि शासन प्रशासन में बैठे लोगों का जब चित ही ठीक नहीं है तो वह सिस्टम को सुधारने पर क्या चिंतन करेंगे। उधर आहना रिजार्ट के स्वामी का कहना है कि वह भी एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हैं इस सिस्टम में बैठे गलत लोगों से लड़ना उन्हें भी अच्छी तरह से आता है।

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