जसपुर की घटना दो राज्यों के बीच का मामला
आर्य ने यूपी पुलिस पर उठाए कई सवाल
देहरादून। खनन माफिया जफर को पकड़ने आई यूपी की पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुए संघर्ष में भाजपा नेता व जेष्ठ उप प्रमुख गुरताज सिंह की पत्नी की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस अब आमने—सामने है। इस घटना में यूपी पुलिस के आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। यूपी और उत्तराखंड की पुलिस द्वारा क्रास एफआईआर दर्ज कराई गई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के अपने तर्क हैं और उनके द्वारा गुरताज और उनके परिजनों सहित 31 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है जबकि क्रास रिपोर्ट में 12 यूपी के पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले को अत्यंत ही गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और विधि सम्मत जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह दो राज्यों के बीच का और 2 राज्यों की पुलिस के अधिकारों का मामला है इसलिए विशेषज्ञों से विधिक राय ली जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
उधर आज नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने गुरताज भुल्लर के घर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उनसे पूरी घटना की जानकारी ली। भुल्लर परिवार से मुलाकात के बाद यशपाल आर्य ने कहा कि यह कौन सा तरीका है कि किसी दूसरे राज्य की पुलिस सादी वर्दी में आए और किसी के भी घर में घुस जाए? उन्होंने कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा? उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की यह कार्यवाही अत्यंत ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। खास बात यह है कि यूपी पुलिस का दावा है कि उसने खनन माफिया को गिरफ्तार कर लिया था जिसे छुड़ाने के लिए उन पर पत्थरबाजी व फायरिंग की गई तथा उनकी गाड़ी को भी तोड़ फोड़ दिया गया। जिस खनन माफिया जफर अली को लेकर यह पूरी घटना घटित हुई वह जफर फरार हो गया है और अभी तक उसका पता नहीं लग सका है कि वह कहां है।