देहरादून। उत्तराखण्ड सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में बौद्विक सम्पदा भारत के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के उत्पादों के भौगोलिक संकेतांक (ज्योग्राफिकल इण्डिकेशन) का वितरण समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री के सलाहकार भास्कर खुल्बे एवं सचिव डीपीआईआईटी भारत सरकार अनुराग जैन द्वारा वीडियो कार्न्फ्रेन्स के माध्यम से प्रतिभाग किया गया। इस दौरान कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य के लिए गौरव का विषय है कि यहां के मौलिक उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलती जा रही है। कहा कि वोकल फॉर लोकल और स्थानीय प्रोडक्ट के प्रचार—प्रसार में जीआई टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्थानीय प्रोडक्ट को देश के साथ ही इंटरनेशनल मार्केट में पहचान दिलाने में जीआई टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हंै। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में और भी अनेक ऐसे परम्परागत कृषि उत्पाद है जो अपने भौगोलिक क्षेत्र विशेष के आधार पर लगातार वैश्विक पहचान बनाते जा रहे है। अभी तक तेजपत्ता प्रदेश का पहला जीआई टैग प्राप्त करने वाला उत्पाद था। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड सरकार के निर्देशन पर लाल चावल, बेरीनाग चाय, उत्तराखण्ड गहत, उत्तराखण्ड मण्डुआ, उत्तराखण्ड झंगोरा, उत्तराखण्ड बुरांस सरबत, उत्तराखण्ड काला भट्ट, उत्तराखण्ड चौलाई/रामदाना, अल्मोड़ा लाखोरी मिर्च, उत्तराखण्ड पहाड़ी तोर दाल, उत्तराखण्ड माल्टा फ्रूट जैसे 11 कृषि उत्पादों का जीआई टैग लिये जाने का कार्य भी फाईल कर दिया गया है।
इस दौरान उघोग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जिन उत्पादों को भौगोलिक संकेतांक प्रमाण—पत्र प्राप्त हुए है। अब उन उत्पादों की मार्केट में ब्राडिंग बढ़ने से अधिक डिमांड बढ़ेगी तथा उनको अच्छा मूल्य प्राप्त होगा। जिससे इन उत्पादों से जुड़े हुए उत्पादक सीधे—सीधे लाभान्वित होंगे। कहा कि उत्तराखण्ड सरकार के निर्देशन पर अन्य उत्पादों का जीआई टैग किये जाने का भी कार्य जारी है। इस कार्यक्रम के अवसर पर तकनीकी कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसमें पदमश्री डॉ रजनीकांत एवं उप रजिस्ट्रार, जीआई सचिन शर्मा द्वारा भौगोलिक संकेतांक से सम्बन्धित जानकारी प्रदान की गई।
इस दौरान कार्यक्रम में संंयुक्त सचिव, डीपीआईआईटी भारत सरकार श्रुति सिंह, व संयुक्त सचिव, डीपीआईआईटी भारत सरकार राजेन्द्र रतनू, सचिव कृषि एवं उघान मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव राधिका झा, महानिदेशक/आयुक्त उघोग रोहित मीणा, निदेशक उघोग सुधीर चन्द्र नौटियाल, निदेशक कृषि गौरीशंकर सहित उघोग एवं कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी तथा प्रदेश से आए हुए जैविक किसान/काश्तकार सभागार में उपस्थित थे तथा अन्य लोग विभिन्न जनपदों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल एवं उघोग मंत्री गणेश जोशी द्वारा राज्य के सात उत्पादों (कुमांऊ च्यूरा ऑयल, मुनस्यारी राजमा, उत्तराखण्ड का भोटिया दन, उत्तराखण्ड ऐंपण, उत्तराखण्ड रिंगाल क्राफ्ट, उत्तराखण्ड ताम्र उत्पाद एवं उत्तराखण्ड थुलमा) को भौगोलिक संकेतांक (ज्योग्राफिक इन्डिकेशन) प्रमाण पत्र वितरित किये गए।