आबकारी विभाग ने नए साल पर बनाया वनडे लाइसेंस का नया रिकॉर्ड

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  • अवैध शराब की बिक्री व पीने—पिलाने वालों की टूटी कमर
  • सरकार और आबकारी विभाग की कमाई में हुआ इजाफा

देहरादून। नए साल पर आबकारी विभाग ने 235 वनडे लाइसेंस जारी कर नया कीर्तिमान बना डाला है। यही नहीं वन डे लाइसेंस की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाकर सरकारी राजस्व में जो इजाफा किया है वह तो अलग रहा बाहर से अवैध रूप से आने वाली शराब और अवैध रूप से शराब पिलाने वालों पर सख्ती से लगाम लगाने पर आबकारी विभाग सफल रहा है।
आबकारी कमिश्नर एस.सी. सेमवाल द्वारा इस आशय की जानकारी देते हुए बताया गया कि इस बार नए साल के जश्न के लिए 24 घंटे (वन डे) के लिए रिकॉर्ड 235 लाइसेंस जारी किए गए जो अब तक दिए जाने वाले वन डे लाइसेंस की संख्या में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि इस साल भले ही वन डे लाइसेंस देने की व्यवस्था ऑनलाइन की गई थी लेकिन इसके साथ ही आबकारी विभाग द्वारा इन लाइसेंसों को लेकर दी गई जानकारी के सत्यापन के लिए 7 टीम बनाई गई थी। जिनके द्वारा यह जांच की गई कि जो वन डे लाइसेंस दिया जा रहा है वह पूर्णतया सही है या नहीं। उन्होंने बताया कि इस साल ऐसी कोई धांधली सामने नहीं आई है कि लाइसेंस धारी ने लाइसेंस घर के नाम लिया हो और उसका उपयोग होटल या रेस्टोरेंट में किया गया हो।


उन्होंने कहा कि सभी लाइसेंसों में 100 प्रतिशत शर्तों का अनुपालन किया गया है। साथ ही व्यापक स्तर पर वन डे लाइसेंस दिए जाने से नए साल पर अवैध रूप से बिना लाइसेंस के शराब परोसने वाले होटल व रेस्टोरेंटों पर लगाम लगी है। क्योंकि इस बार लाइसेंस का दुरुपयोग पकड़े जाने या बाहर से मंगाकर शराब बेचने वालों पर लगाई जाने वाली पेनल्टी को भी कई गुना बढ़ा दिया गया था। यह जुर्माना 5000 से बढ़ाकर एक लाख रखा गया था जिससे कोई कम उम्र के बच्चों को शराब न पिला सके व अवैध शराब की बिक्री को रोका जा सके। उल्लेखनीय है कि वनडे लाइसेंस की फीस घर के लिए 2000, बैंक्विट हॉल के लिए 5000, क्लब के लिए 10.000 व रेस्टोरेंट के लिए 20.000 रखा गया था।
वनडे लाइसेंस की इस बार की उचित व्यवस्थाओं से सरकारी राजस्व में वृद्धि तो हुई ही है साथ ही साथ अवैध रूप से शराब की बिक्री और बाहर से शराब लाये जाने पर ब्रेक लग सका है। अगर ऐसी ही व्यवस्था आगे भी की जाती रही है तो शराब के अवैध कारोबार व पीने पिलाने वालों के दिन जल्द लद सकते हैं। लेकिन आबकारी विभाग को इसके लिए ऐसी ही मुस्तैद पहल आगे भी करने की जरूरत होगी।

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