भ्रष्टाचार पर आई चुनावी जंग

0
71


वर्तमान लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल रुद्रपुर रैली में अपने संबोधन में यह कहकर की एक तरफ भ्रष्टाचार मिटाने वाले हैं और दूसरी तरफ भ्रष्टाचारियों को बचाने वाले हैं। लेकिन वह डरने वाले नहीं है भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी यह जंग जारी रहेगी और उनके तीसरे टर्म में यह जंग और अधिक तेज होगी। भ्रष्टाचार का यह मुद्दा दरअसल इस देश के विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा ही चर्चा के केंद्र में लाया गया है। विपक्षी नेताओं द्वारा इलेक्टोरल बांड पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले जिसमें सरकार के इस फैसले को असवैधानिक ठहरा कर रद्द किया गया और स्टेट बैंक को सारी सूचनाओं को सार्वजनिक करने पर मजबूर कर दिया गया से शुरू हुए इस मामले में अब हर रोज नए—नए खुलासे हो रहे हैं। बात उस हद तक जा पहुंची है कि अब इसे देश का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला बताया जा रहा है। यही नहीं कोरोना काल में पीएम द्वारा बनाए गए केयर फंड जिसे आरआईटी और कैग के ऑडिट डायरी से भी बाहर रखा गया, को लेकर भी तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। तथा मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। इन बड़े भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर विपक्ष हमलावर है ऐसी स्थिति में देश में ईडी और आईडी तथा सीबीआई की कार्यवाही के सहारे सत्ता पक्ष भी भ्रष्टाचार पर प्रहार के जरिए अपने चुनावी अभियान को आगे बढ़ा रहा है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रखने का जो ऐलान किया है उसे सत्ता पक्ष की मंशा का साफ समझा जा सकता है। ऐसा नहीं है कि विपक्ष इस मुद्दे को हल्के में ले रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अभी अपने एक संबोधन में कांग्रेस के खाते सीज किए जाने की कार्यवाही और विपक्षी नेताओं को ईडी द्वारा जेल में डालने की कार्यवाही पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि जिसे जो करना है करने दीजिए अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो सबको जवाब दिया जाएगा। पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जिस तरह की आक्रमकता दिखाई जा रही है वह यही बताता है कि 2024 के इस चुनाव में जीत चाहे जिसकी भी हो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बड़ी जंग होने वाली है और अगर इस जंग में न्यायपालिका की भूमिका सशक्त रहती है जैसा कि आज के वर्तमान में देखा जा रहा है तो यह साफ है कि भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी हो और कितनी भी सशक्त क्यों न हो उसे जेल जाने के लिए तैयार रहना ही होगा। अगर देश की राजनीति समाज और आम नागरिक के दृष्टिकोण से देखा और समझा जाए तो यह सभी के लिए हितकारी सिद्ध होगा। आजादी के अमृत काल तक देश में भ्रष्टाचारियों ने किस तरह से लूटपाट की है उस पर अब लगाम लगनी ही चाहिए। आज पूरे देश की निगाहें अगर न्यायपालिका के फैसलों पर टिकी रहती है तो इसका कारण भी बहुत साफ है भ्रष्टाचार देश की जनता के लिए सबसे बड़ा अभिशाप बन चुका है। भ्रष्टाचार के कारण ही आज तक देश के गरीब गरीब ही बने हुए हैं और समाज में भारी असंतुलन की स्थितियां पैदा हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here