आज के चुनावी नतीजों पर न सिर्फ सभी राजनीतिक दलों और नेताओं की नजरें लगी हुई थी बल्कि देशवासियों में इन नतीजों को लेकर जो उत्साह देखा जा रहा था उसका कारण 2024 का वह आम चुनाव है जिसके लिए इन नतीजों को माइंड सेट करने वाला माना जा रहा था। भले ही अभी नतीजों के अंतिम परिणाम आने में थोड़ा समय लगे लेकिन दोपहर तक मिले चुनावी रुझानों से जो स्थिति सामने आ रही है उसके अनुसार कांग्रेस कर्नाटक में अपनी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है वही उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में भाजपा का डंका बजता दिख रहा है तथा कांग्रेस सपा—बसपा सभी का सफाया होता दिख रहा है। तथा पंजाब की एक सीट (जालंधर) के लिए हुए चुनाव में आप प्रत्याशी जीत की ओर अग्रसर है। कांगे्रस को कर्नाटक चुनाव में मिली जीत का उसके लिए क्या कुछ महत्व है इसे कांग्रेस के नेता बखूबी जानते हैं। हिमाचल की जीत के बाद अब दक्षिणी राज्य कर्नाटक में उसकी यह जीत किसी संजीवनी से कम नहीं है। क्योंकि इस जीत ने भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को तो तोड़ ही दिया है इसके साथ ही भविष्य की संभावनाओं को भी पंख लगा दिए हैं। इसलिए इस जीत पर कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साहित होना अति स्वाभाविक है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जिसे उन्होंने इसी साल केरल से शुरू किया था यह जीत उस यात्रा की सफलता पर भी मुहर लगाती है वहीं कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष के प्रभाव और राजनीतिक कौशल की पुष्टि करती है। मल्लिकार्जुन खड़गे का ग्रह प्रदेश कर्नाटक होने के कारण भी उनके लिए इस जीत के कई मायने हैं। इस चुनाव में भाजपा द्वारा जिस तरह से बजरंगबली को चुनावी मुद्दा बनाकर वोटों के धु्रवीकरण का प्रयास किया गया था वह निश्चित तौर पर जनता द्वारा नकार दिया गया है। 224 सदस्यीय विधान सभा में भले ही कांग्रेस को पूर्ण बहुमत से अधिक 125 से 130 के आसपास सीटें मिलती दिख रही है लेकिन भाजपा के प्लान बी और ऑपरेशन कमल जैसे सत्ता के चीरहरण प्रयासों से बचने के लिए अपने विधायकों के लिए होटल में कमरे बुक कराने की खबरें भी आ रही है। कांग्रेस कई राज्यों में जीत के बाद भी सत्ता से हाथ धो चुकी है इसलिए उसका यह डर भी वाजिब है। कांग्रेस के लिए इस जीत के बाद भी सीएम की कुर्सी को लेकर होने वाली खींचतान भी एक बड़ी समस्या है लेकिन अब कांग्रेसियों को अपने निजी हितों को त्यागना ही होगा यदि वह 2024 में कुछ बेहतर करना चाहती हैं। रही बात यूपी की छोटी सरकार चुनने की तो योगी का वह नारा न कर्फ्यू न दंगा, यूपी में सब चंगा यानी कानून व्यवस्था के दम पर भाजपा ने यह बाजी मारी है। यूपी के यह चुनाव आम चुनाव के दृष्टिकोण से भी कितने लाभकारी होंगे समय ही बताएगा लेकिन आज के चुनावी नतीजे कांग्रेस के लिए बड़ी खुशी व बड़ा संदेश लेकर आई है देखना होगा 2024 में कांग्रेस भारत जोड़ने में कितनी सफल हो पाती है।