`मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’ यह बात भले ही हर आम और खास आदमी के लिए सही हो लेकिन बारी जब धरातल पर आम दरफ्त की आती है तो हम मजहब के आधार पर ही खून खराबा करने पर आमादा दिखाई देते हैं। इंसानियत और मानवीयता न जाने कहां विलुप्त हो जाती है। आजादी के 75 साल बाद भी धर्म के नाम पर सामाजिक विभाजन की जो जंग देश की सीमाओं के अंदर जारी है वह पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच भी बदस्तूर चली आ रही है। इन दिनों सोशल मीडिया पर गीतकार जावेद अख्तर का एक वीडियो सुर्खियों में है। लाहौर में आयोजित फैज फेस्टिवल के दौरान जावेद अख्तर द्वारा दोनों देशों के बीच तल्खी और आतंकी गतिविधियों को लेकर बड़ी बेबाकी से इस वीडियो में पाकिस्तान को उसी की सरजमी से जिस तरह सच्चाई का आईना दिखाया गया है उसके चर्चे चारों तरफ हो रहे हैं। अपनी बेबाक बोली के लिए यू तो हिंदुस्तान में भी जावेद अख्तर हमेशा अतिवादियों के निशाने पर रहे हैं यह भी इस चर्चा का एक अहम कारण है। कुछ लोगों को तो इस बात पर बड़ी हैरत भी हो सकती है कि जावेद अख्तर हिंदुस्तान का सच और पाकिस्तान का झूठ उसी के घर बैठकर भला बताने का साहस कैसे कर सकते हैं? लोग उनके इस वीडियो को देखकर यहां तक कह रहे हैं कि यह है असली सर्जिकल स्ट्राइक, इसे कहते हैं घर में घुसकर मारना। इसमें कोई दो राय भी नहीं है कि जावेद अख्तर ने लाहौर में बैठकर जो कुछ कहा है वह कहने का साहस हर कोई नहीं दिखा सकता है। भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के तमाम प्रयास समय—समय पर किए हैं लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा ही पीठ पर वार किया है तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई सद्भावना संदेश की बस लेकर पाकिस्तान गए थे जिसके बदले में भारत को कारगिल का छल मिला था। जावेद अख्तर कहते हैं कि हमने तो भारत में नुसरत और मेहंदी हसन के कई कार्यक्रम कराए लेकिन आपने तो लता का कोई जलसा पाकिस्तान में नहीं कराया। वह यही नहीं रुकते हैं वह सरेआम कहते हैं कि हम मुंबई के लोगों ने 26/11 का वह हमला देखा है जिसने पूरे विश्व को दहला दिया था। हमला करने वाले नार्वे या इजिप्ट से नहीं आये थे वह आज भी आपके देश में खुलेआम घूम रहे हैं। अगर यह शिकायत एक आम हिंदुस्तानी को है तो यह आपको बुरा नहीं लगना चाहिए। यह कोई मामूली बात नहीं है। जावेद अख्तर ने उनके घर बैठकर ही उन्हें जो सच का आईना दिखाते हुए यह कहा कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है यह बड़े हौसले का काम है। अभिनेत्री कंगना रनौत जिनका जावेद अख्तर के साथ 36 का आंकड़ा है और जिन पर जावेद अख्तर ने मानहानि का मुकदमा तक कर रखा है उन्होंने भी जावेद अख्तर की इस बेबाकी और साफगोई के लिए उनकी तारीफ की है। यह पूरा देश जानता है कि 26/11 के मुंबई हमले की साजिश पाक ने रची थी। वह 10 आतंकी जिन्होंने हमले को अंजाम दिया पाकिस्तानी थे, अजमल कसाब जिसे जिंदा पकड़ा गया था और जिसे फांसी हुई थी वह भी पाकिस्तानी था। तथा यह हमला अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसमें 18 पुलिस कर्मी व सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे। इस हमले के षड्यंत्र रचने वालों को पाकिस्तान अब तक बचाता रहा है। जावेद अख्तर की बेबाकी का तीर उनके सीने के भी पार जरूर हुआ होगा। वहीं पाकिस्तान जो आज अपनी बदहाली से जूझ रहा है और विश्व भर में एक आतंकी देश के रूप में अपनी पहचान बना चुका है उसके नेताओं को भी उनकी बात तीर की तरह ही चुभी होगी लेकिन जो सच है उसे पाकिस्तान बदल नहीं सकता। जावेद अख्तर ही नहीं अब इस सच को हमेशा कोई न कोई जावेद अख्तर पाक से कहता ही रहेगा।