- उत्तराखण्ड तमिल संगम का आयोजन करेगा
चेन्नई। अपने दो दिवसीय दौरे पर चेन्नई गये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जहां रोड शौ किया वहीं उन्होंने उघोगपतियों के साथ भी संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आबोहवा तो अन्य तमाम राज्यों से बेहतर है वहीं राज्य की कानून व्यवस्था भी बेहतर है। उन्होंने उघोमियों को उत्तराखण्ड आने और निवेश करने का आमंत्रण देते हुए कहा कि जिस तरह से काशी में प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस तमिल संगमम का आयोजन किया था वैसे ही हम उत्तराखण्ड में भी तमिल संगमम् का आयोजन करने जा रहे हैं।
इस अवसर परी मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड का 70 फीसदी से अधिक भूभाग वनाछादित है यहां गंगा— यमुना, सरस्वती और मंदाकिनी की पवित्र धाराएं बहती है। वहीं आदि कैलाश और केदारनाथ भी विराजते हैं तो यहां यमकेश्वरम हैं। हमारा अपना तो गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्ता है हम इसे और भी गहरा बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझसे पहले मीनाक्षी सुन्दरम और सतपाल महाराज ने आपको यह बताया कि आपको उत्तराखण्ड में निवेश क्यों करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए हमने सिर्फ अनुकूल माहौल ही तैयार नहीं किया बल्कि अपनी नई ओघौगिक नीति में भी बडे बदलाव किये हैं। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में निवेश करने वाले किसी संस्थान को किसी तरह की दिक्कत न हो एक स्थान पर आपको सभी समस्याओं का समाधान हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके साथ गयी अधिकारियों की टीम द्वारा चेन्नई के इस फेरे के दौरान अभी तक 3,450 करोड़ के निवेश प्रस्तावों के एमओयू साईन किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने उघोगपतिायों से कहा कि वह 8—9 दिसम्बर को राजधानी दून के फारेस्ट रिसर्च सेंटर में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में आये उनकी सभी शंकाओं का समाधान होगा।
जोशीमठ भू धंसाव पर सीएम को देनी पडी सफाई
चेन्नई। अपने चेन्नई दौरे के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सफाई देते हुए विवश होना पडा। यहां जोशीमठ भू धंसाव और भूस्खलन की तस्वीरों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसे हालात होते तो क्या बद्रीनाथ धाम में 18 लाख श्रद्धालु पहुंचे होते। उन्होंने कहा कि आपको जो तस्वीरें दिखाई गयी है वह हिमाचल प्रदेश की है। उन्होंने कहा कि इस साल भी मानसूनी आपदा से हिमाचल में ज्यादा नुकसान हुआ है। उत्तराखण्ड में कहीं कोई बडा नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस रिकार्ड 55 लाख श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आये वहीं कांवड यात्रा में 4 करोड से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। जिनकी व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया था। उन्होंने उत्तराखण्ड पूरी तरह सेफ और सीक्योर है।