व्हट्सअप पर महानुभावों की डीपी लगाकर करते थे धोखाधडी
देहरादून। व्हटसअप पर न्यायमूर्ति की डीपी लगाकर एंव स्वंय को न्यायमूर्ति बताकर लोगों से ठगी करने वाले दिल्ली के दो नटरवालालों को एसटीएफ व दून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके दून स्थित स्थानीय सहयोगियों पर भी जल्द शिकंजा कसा जायेगा।
आज यहां इसकी जानकारी देते हुए डीआईजी, एसएसपी जन्मजेय खंडूडी ने बताया कि पिछले कई दिनों से सूचनाएं मिल रही थी कि एक साइबर गिरोह जो कि न्यायमूर्ति महानुभावों की फोटो अपने मोबाइल की डीपी पर लगा कर भारत सरकार के मंत्रालयों एवं राज्य सरकार के मंत्रालयों एवं विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेकर आम लोगों से काम करवाने के एवज में ठगी करने का प्रयास कर रहे हैं एवं जगह—जगह लाखों रुपए लोगों से काम करवाने के एवज में ले रहे हैं। जिस पर थाना कोतवाली नगर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी। जांच में प्रथम दृष्टया नोएडा एवं दिल्ली के आसपास एक ऐसे गिरोह का सक्रिय होना प्रकाश में आया जो न्यायमूर्ति, एवं वरिष्ठ मंत्रियों के पद नाम का उपयोग कर एवं उनके फोटो अपने मोबाइल की डीपी पर लगा कर कई लोगों से काम करवाने की एवज में मोटी धनराशि एकत्रित कर रहा है।
जांच के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध मोबाइल नम्बर की जानकारी प्राप्त हुई, जो कि मनोज कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड होना ज्ञात हुआ एवं उक्त नम्बर के द्वारा कुछ दिन पूर्व भी न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय की डीपी अपने मोबाइल पर लगा कर स्वंय को न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय बताते हुए शासन में तैनात एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी से काम कराने के लिए फोन एवं मैसेज किया जाना प्रकाश मे आया तथा 6 जुलाई को जब उक्त व्यक्ति एक पुरूष व दो महिलाओं के साथ सचिवालय में तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से मिले तो उनके द्वारा भी स्वंय को उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति बताने वाले व्यक्ति पर शक जाहिर किया गया था।
पुलिस द्वारा उक्त तथ्यों को भी विवेचना में लाकर उक्त संदिग्ध नंबरों के संबंध में जानकारी एकत्र कर बीते रोज दो आरोपियों को नोएडा उत्तर प्रदेश से हिरासत मेें ले लिया गया। जिनके पास से दो मोबाइल बरामद किये गये। जब उनके फोन को चैक किया गया तो दोनों व्यक्तियों के मोबाइल पर कई मंत्रालयों के नंबर एवं कई वीआईपी के नंबर सेव होना पाया गया, जिनसे कई लोगों को मैसेज किये गये थे। पुलिस ने इन दोनों मोबाइलों व सिम कार्ड को अपने कब्जे में लेकर दोनो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जिनके द्वारा पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल किया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम मनोज कुमार पुत्र जुगल किशोर निवासी नोयडा व राजीव अरोड़ा पुत्र हेमराज निवासी बरनाला पंजाब बताया। बताया कि दून के कुछ लोगों द्वारा उनको एक काम के बदले पचास लाख देने की बात कही गयी थी जिस पर वह देहरादून आये और स्वंय को उच्चतम न्यायालय का न्यायमूर्ति बताकर उत्तराखण्ड शासन में तैनात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से मुलाकात की जिसके बाद पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया गया।