सभी विभागों में भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने दी राजभवन में दस्तक

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देहरादून। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमण्डल ने आज प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन देकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सहकारिता विभाग व शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों की भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की जांच सीबीआई अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की देख—रेख में कराये जाने की मांग की। साथ ही आंगनबाडी केन्द्रों में खा़घ सामग्री उपलब्ध कराने वाली महिला स्वयं सहायता समूहों को टी.एच.आर.का भुगतान कराने की मांग की गयी।
इस मौके पर प्रतिनिधिमण्डल में शामिल लोगों ने कहा कि जनता ने भाजपा को भारी बहुमत के साथ डबल इंजन का तोहफा दिया था परन्तु भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा करने वाली भाजपा भ्रष्टाचार को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। उन्होने कहा कि सरकारी पदों पर अभी तक जो भर्तियां हुई है उनमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से जिन पदों के लिए भर्ती परीक्षा हुई है। उनमें 15—15 लाख रूपये लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेची गयी है। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार के साढ़े पांच वर्षो के कार्यकाल में राज्य में किस तरह से भ्रष्टाचार पनपा है उसका पता भाजपा नेताओं के संरक्षण में हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में लगातार हो रही गिरफ्तारियों से चल गया है।
उन्होने कहा कि सहकारी बैंकों में 61 पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष, सचिव तथा अधिकारियों पर मिली भगत कर अपने रिश्तेदारों, चहेतों को रेवडी बांटने के आरोपों से ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले को राज्य सरकार की छत्रछाया में अंजाम दिया गया है।

कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले में अब तक जितने भी घोटालेबाज पुलिस की गिरफ्त में आए हैं वे सिर्फ मोहरे मात्र हैं। राज्य में हुए सभी भर्ती घोटालों की उच्च स्तरीय जांच से ही असली घोटालेबाजों तक पहुंचा जा सकता है जो कि राज्य हित में अत्यंत आवश्यक है। कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने यह भी कहा है कि उत्तराखण्ड राज्य महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों से टी.एच.आर. का कार्य छीनकर ई—टेंडरिंग के माध्यम से बडे ठेकेदारों को यह कार्य सौंपे जाने केलिए निविदायें जारी कर दी गई, जिसके विरूद्ध राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उच्च न्यायालय की शरण ली गई। जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के पक्ष में निर्णय देते हुए यथा स्थिति बनाये रखने के निर्देश दिये गये है। जिसके बाद विभाग द्वारा टी.एच.आर. का भुगतान रोक कर महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रताडित किया जा रहा है। प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, विधायक फुरकान अहमद, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, मीडिया प्रभारी पीके अग्रवाल, मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, पूर्व विधायक राजकुमार, महामंत्री गोदावरी थापली सहित कई लोग शामिल रहे।

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