नई दिल्ली। दशकों से देशवासियों को हंसाने का काम करने वाले राजू श्रीवास्तव (गजोधर भैया) अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। बीते 41 दिनों से एम्स में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने वाले कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव आज सुबह जिंदगी की जंग हार गए। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर है।
कानपुर के एक अति सामान्य से परिवार में 25 दिसंबर 1963 में जन्मे राजू श्रीवास्तव को हास्य व्यंग का हुनर बचपन से ईश्वर प्रदत्त था। आज की आपाधापी और भागदौड़ के दौर में जब हंसना और हंसाना दोनों ही दुर्लभ हो चुका है राजू श्रीवास्तव ने इस हुनर को न सिर्फ अपना कैरियर बनाया अपितु देश विदेश तक अपने हुनर का लोहा मानने पर लोगों को मजबूर कर दिया। जिसके लिए उन्हें यश भारती सम्मान से भी नवाजा गया। उनकी ठेठ अवधी भाषा और भाव की श्ौली इतनी प्रभावी थी कि जब वह मंच पर आते थे तो उनके हास्य व्यंग के चुटीले अंदाज पर लोग हंसते हंसते लोटपोट हो जाते थे। उन्होंने फिल्म नगरी मुंबई में भी अपनी कामेडी के दम पर बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए कई फिल्मों में भी काम किया।
पक्षाघात के चलते गिरने के कारण उनके सर में गंभीर चोट आई थी और बीते 41 दिनों से वह कोमा में थे। हालांकि उन्हें एम्स में बेहतर इलाज की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई लेकिन आज सुबह वह जिंदगी की जंग हार गए। उनके निधन पर पीएम मोदी व यूपी के सीएम योगी से लेकर तमाम हस्तियों ने शोक संवेदना व्यक्त की हैं। राजू श्रीवास्तव अपने पीछे अपनी पत्नी व बच्चों के अलावा भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं उनके निधन से देश ने एक ऐसे प्रतिभाशाली कलाकार को खो दिया है जिसकी क्षति पूर्ति संभव नहीं है।