आसमानी आपदा से प्रदेश में भारी तबाही — कई जगह बादल फटे, पांच लोग मरे

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  • फाटा में चार नेपाली मजदूर मलबे में दबकर मरे
  • टिहरी में स्कूल और घर तबाह, भारी नुकसान
  • 2 दिन के लिए स्कूलों की छुटृी, राहत कार्य जारी
  • गंगा व सहायक नदियां ऊफान पर, बाढ़ का खतरा

देहरादून। बीती रात राज्य के कई जिलों में भारी बारिश व बादल फटने की घटनाओं से भारी जनधन हानि हुई है। जहां रुद्रप्रयाग में भारी बारिश व भूस्खलन से चार नेपाली मजदूरों की मौत हो गई वहीं विकास नगर में लोहारी नाले में बह जाने से युवक की मौत हो गई। उधर टिहरी के घनसाली ब्लॉक के सीमांत गांव गेंनवाली में बादल फटने से एक स्कूल और चार—पांच घर जमीदोज हो गए तथा एक पुल (पैदल) भी बह गया। भारी बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे पर चार जगह भारी भूस्खलन से हाईवे बंद हो गया और जगह—जगह यात्रियों के फंसने की खबरें हैं। गंगा और उसकी तमाम सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने से खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
बीती रात रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के दौरान पहाड़ से आए पानी और मलबे के कारण एक झोपड़ी में सो रहे चार नेपाली मजदूर मलवे में दब गए। हेलीपैड के पास हुई इस दुर्घटना की खबर पहुंचते ही बचाव व राहत दल ने चारों के शव मलवे से निकालकर रुद्रप्रयाग पहुंचाये गए हैं। आपदा जिला प्रबंधन अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सभी चारों श्रमिक नेपाल के रहने वाले हैं जिनके नाम तुल बहादुर, कृष्ण परिहार पूरन नेपाली व दीपक बताए गए हैं।
उधर टिहरी से प्राप्त समाचार के अनुसार बीती रात घनसाली ब्लॉक के सीमांत गांव मेंवाली में देर रात बादल फटने से एक स्कूल का भवन तथा चार—पांच घर तबाह हो गए। टिहरी के क्षेत्र में बादल फटने की यह पांचवीं घटना है अब तक इन घटनाओं में तिलवाड़ी व तिलगांव में एक मां—बेटी की मौत सहित पांच लोगों की मौत हो चुकी है वहीं बड़ी संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं। यही नहीं हजारों हेक्टर कृषि भूमि को भी नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी का कहना है कि बचाव राहत कार्य जारी है लेकिन इस बार कोई जनहानि नहीं हुई है। उधर चमोली के पेंगोनी गांव में भी कुछ घर भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं तथा जोशीमठ के सिंहद्वार में भारी मलवा और पानी घरों में घुसने की खबरें हैं। बदरीनाथ हाईवे पर चार जगह भूस्खलन से हाईवे बंद हो गया है और जगह—जगह यात्री फंसे हुए हैं।
पहाड़ में हो रही भारी बारिश के कारण राज्य की तमाम नदियां, नाले और गदेरे उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल 293 से ऊपर निकल चुका है वहीं पिंडर तथा अलकनंदा भी उफान पर है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों को गंगा से दूर रहने की चेतावनी दी गई है तथा नजदीकी बस्तियों को खाली कराया जा रहा है। लगातार जलस्तर बढ़ने से मैदान के खादर को भारी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। टिहरी के सभी स्कूलों को 2 दिन के लिए बंद कर दिया गया है।

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