देहरादून। बच्चों को हम क्या दे सकते हैं? यह एक ऐसा विषय है जो सिर्फ उनकी सुरक्षा से ही संबंधित नहीं बल्कि उनके स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ उनके समग्र विकास से जुड़ा हुआ है।
यह बात आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष रोड स्थित एक होटल में महिला एवं बाल विकास आयोग द्वारा आयोजित कार्यशाला में कही गई। जिसका आयोजन पोक्सो एक्ट से संबंधित जानकारियों को लेकर किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस कार्यशाला में कहा गया कि बच्चों को संरक्षण की सबसे अधिक जरूरत होती है। क्योंकि उन्हें किसी भी विषय की जानकारी नहीं होती। बच्चों के यौन शोषण से लेकर बाल श्रम और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम ऐसी समस्याएं हैं जिनके समाधान में हर व्यक्ति बच्चों का संरक्षक बन सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को हम कहानी किस्सों के जरिए ऐसी शिक्षा—दीक्षा देने तक जो उनके चरित्र और भविष्य के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकती है, दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को बच्चों की हर समस्या को लेकर जागरूक रहने की जरूरत है।
इस अवसर पर मौजूद आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कहा कि यह अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को हर अच्छी—बुरी बात से अवगत कराएं क्या ठीक है और क्या गलत है अगर उन्हें नहीं बताया जाएगा तो वह गलत सही में अंतर नहीं कर सकेंगे। वक्ताओं ने इस कार्यशाला में बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण की तमाम बारीकियों के बारे में अपने विचार रखे और कहा कि बुराई को छिपाये नहीं उजागर करें यह बहुत जरूरी है। सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होता कानून की जानकारी भी जरूरी है तभी उसका उपयोग किया जा सकता है इस मौके पर काबीना मंत्री रेखा आर्य सहित अनेक लोग मौजूद थे।