स्कूलों व कालेजों में कोरोना गाइडलाइन शक्ति से लागू करें
टला नहीं है कोरोना का खतरा, मास्क लगाना भी भूले लोग
देहरादून। भले ही उत्तराखंड में अब कोरोना संक्रमण दर में भारी गिरावट आई हो और एक्टिव केसों की संख्या दो सौ से भी कम रह गई हो लेकिन आप यह मान चुके हैं कि कोरोना जा चुका है तो यह आपकी गलत सोच है। कोरोना अभी गया नहीं है तथा आपकी जरा सी भी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है। चमोली के गौचर में तथा आईआईटी रुड़की में एक—एक छात्र के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से हड़कंप मचा हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों के अधिकारियों को एक बार फिर स्कूल और कॉलेजों में कोरोना गाइडलाइनों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौचर में एक स्कूली छात्र के कोरोना पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। संभावना जताई गई है कि उसके संपर्क में आने वाले कुछ और छात्र भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। वही आईआईटी रुड़की में भी एक छात्र पॉजिटिव पाया गया है यह छात्र अभी बीते दिनों युगांडा से आया था जिसकी तबीयत खराब होने पर कोरोना जांच कराई गई। अब इसके संपर्क में आए सभी छात्रों का भी टेस्ट कराया जा रहा है।
स्कूल कॉलेज खोल तो दिए गए तथा कोरोना केसों में कमी के साथ बाजार, मॉल तथा धार्मिक स्थल भी खोल दिए गए लेकिन आम लोगों द्वारा फिर बरती जा रही लापरवाही कभी भी फिर विस्फोटक रूप ले सकती है। क्योंकि कोरोना की गाइडलाइनों का कहीं पर भी पालन होता नहीं दिख रहा है। लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया है तथा सोशल डिस्टेंसिंग को लोग पूरी तरह भूल गए हैं। उत्तराखंड में भले ही अब 18—20 मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हो लेकिन अभी 170 एक्टिव केस हैं। तथा स्कूलों व कालेजों में छात्रों का कोरोना पॉजिटिव मिलना अत्यंत चिंताजनक है। शासन ने त्योहारों के मद्देनजर एक बार फिर कोरोना की गाइडलाइनों के अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।