12 पुलिसकर्मियों पर मुकदमें दर्ज

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अवैध खनन बना कानून व्यवस्था को चुनौती

देहरादून। कुमांऊ क्षेत्र में अवैध खनन पुलिस व प्रशासन के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। यह कारोबार यूपी व उत्तराखण्ड के खनन माफियाओं का गठजोड साबित हो रहा है जिसका उदाहरण यूपी के 50 हजार के खनन माफिया के ऊधमसिंह नगर में छुपे होने की सूचना पर पुलिस का छापा मारना और भाजपा नेता की पत्नी की मौत का होना अपने आपमें चिन्ता का विषय है।। अब इसके लिए शासन प्रशासन व पुलिस को कोई ठोस कदम उठाना होगा नहीं तो यह नासूर बन सकते है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में ख् ानन का अवैध कारोबार जहां एक ओर प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है तो वहीं पुलिस को भी अपराधियों से दो चार होना पडता है। अवैध खनन कारोबारी इतने बेखौफ होते जा रहे हैं कि वह पुलिस पर हमला करने से भी पीछे नहीं हटते है। यह बात कई बार सामने आ चुकी है कि खनन से भरे डम्पर पकडने गये प्रशासन की टीम पर खनन माफियाओं ने हमला कर दिया तथा पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद भी बैरकेडिग तोडकर खनन से भरे वाहन माफिया लेकर भाग गये। इस कारोबार से प्रदेश के कई जनपद जद में आ रखे हैं तथा यह कानून व्यवस्था को आये दिन चुनौती देते हुए दिखायी देते हैं। लेकिन पुलिस के आला अधिकारी सिर्फ बयानवीर बनकर बडे—बडे दावे करते ही दिखायी दे रहे हैं। वहीं प्रदेश का ऊधमसिंह नगर तो जैसे खनन माफियाओं का गढ बन गया है। वहां पर आये दिन खनन माफिया कुछ ना कुछ नया करते हैं जिससे वह जनपद सुर्खियों में रहता है। वहीं जनपद पुलिस इनके सामने जैसे नतमस्तक हो रखी है। इनके हौंसले इतने बुलन्द है कि यह पुलिस को कुछ समझते ही नहीं है। अभी तक तो यह खनन माफियाओं का गठजोड प्रदेश तक ही सीमित है यह पुलिस अधिकारी मानकर चल रहे थे लेकिन गत दिवस की घटना ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के कान खडे कर दिये हैं। अब इसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के खनन माफियाओं का बडा गठजोड दिखायी दिया। उत्तर प्रदेश का 50 हजार का ईनामी खनन माफिया जफर के उत्तराखण्ड के ऊधमसिंह नगर में छुपे होने की बात सामने आने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक स्थान पर छापा मारा तो वहां पर खनन माफियाओं ने अपनी दबंगता दिखाते हुए पुलिस पार्टी को ही बंधक बना दिया। अगर पुलिसकर्मियों की बातों को माने तो उनके साथ मारपीट भी की गयी। यहां यह बात सामने आ रही है जो लोग पुलिस पर हमला कर सकते हैं तो वह आमजन को अपने सामने क्या समझते होंगे। गत दिवस की घटना में ज्येष्ट उप प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से मौत हो गयी। जिसके बाद लोगों के हंगामा मचाने पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के 12 पुलिस कर्मियों पर हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। यहां यह चौकाने वाली बात है कि सभी आरोपी पुलिस कर्मी अस्पताल से फरार हो गये तथा उनको सूर्या चौकी पुलिस द्वारा रोके जाने का प्रयास किया तो वह पुलिस की बैरकेडिंग तोडकर फरार हो गये। इसके साथ ही आज हथियार बंद बदमाशों ने एक खनन कारोबारी की उसके घर में घुसकर हत्या कर दी। इन सभी घटनाआें से एक बात तो साफ हो जाती है कि अब उत्तराखण्ड पुलिस के लिए चुनौती भरा समय सामने आ गया है और पुलिस अधिकारियों को भी खनन माफियाओं से निपटने के लिए कोई ठोस कार्य योजना बनानी होगी। अगर अब भी इनको नहीं रोका गया तो प्रदेश के लिए यह शुुभ संकेत नहीं है।

काबीना मंत्री की हत्या के षड्यंत्र के पीछे भी अवैध खनन
देहरादून। काशीपुर में बीते 24 घंटे के अंदर हुई दो हत्याएं जहंा राज्य की कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है। इन दोनों हत्याओं की पृष्ठभूमि में वह अवैध खनन कारोबार है। वही काबीना मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या का षड्यंत्र रचने के जिस मामले को लेकर सूबे की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है उसकी मुख्य वजह भी अवैध खनन कारोबार ही माना जा रहा है। इन सभी घटनाओं से एक बात साफ हो चुकी है कि राज्य में व्यापक स्तर पर किए जाने वाला अवैध खनन कारोबार अपराधों का एक प्रमुख कारण कारण बन चुका है। अवैध खनन को रोकना पुलिस प्रशासन के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है वहीं अवैध खनन के इस कारोबार के कारण गैंगवार की स्थितियां पैदा हो गई है।

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