सौ कमजोर बूथों को मजबूत बनाने की जिम्मेवारी सांसद पर
कांग्रेस के पूर्ण सफाये को लेकर रणनीति बनाने की कवायद
देहरादून/दिल्ली। अभी बीते दिनों भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बैठक में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने 2024 के चुनावों में अपने पुराने प्रदर्शन को कैसे दोहराया जाए इसे लेकर मंथन किया गया था और अब इसी मुद्दे को लेकर केंद्रीय नेताओं और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम के नेतृत्व में दिल्ली में गंभीर चिंतन किया जा रहा है।
आगामी 25 दिसंबर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई की जयंती के अवसर पर भाजपा राज्य के उन तमाम क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है जहां 2019 के लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा था, यानि के जिन क्षेत्रों में कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी। जानकारी के अनुसार भाजपा द्वारा 100 से अधिक ऐसे बूथ चिन्हित किए गए हैं जहां काग्रेस का दबदबा रहा था अब इन बूथों वाले क्षेत्रों में भाजपा को मजबूत करने की जिम्मेवारी अपने सभी 8 सांसदों के कंधों पर डाली गई है। जो इन क्षेत्रों में पन्ना प्रमुखों के सम्मेलन और पदाधिकारियों के सम्मेलनों का आयोजन करेंगे। खास बात यह है कि इन कार्यक्रमों में किसी भी तरह की हीला हवाली या ढील न बरती जाए इसलिए इन कार्यक्रमों में केंद्रीय नेता भी शिरकत करेंगे।
भाजपा ने अभी से 2024 की तैयारी शुरू कर दी है तथा अपने सांसदों से लेकर सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अभी से काम पर लगा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 2019 के आम चुनावों में भाजपा ने राज्य की सभी 5 सीटों पर अच्छे मतांतर से जीत दर्ज की थी। भाजपा के इस समय लोकसभा व राज्यसभा में 8 सांसद हैं। भाजपा 2024 में एक बार फिर इस इतिहास को दोहरा कर ऐसी लकीर खींचना चाहती है कि जिसके बाद वह यह कह सके कि कांग्रेस अब उत्तराखंड से समाप्त हो चुकी है।