भाजपा चुस्त, कांग्रेस सुस्त, मतदाता चुप

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  • भाजपा समझ रही है वॉक ओवर का मौका मिला
  • कांग्रेस अपने न्याय पत्र के भरोसे मैदान में

देहरादून। उत्तराखंड की पांचो सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 19 अप्रैल को मतदान होना है जिसमें अब महज 9 दिन का समय शेष बचा है। लेकिन इस बार पूरे राज्य में इस अति महत्वपूर्ण और लोक उत्सव कहे जाने वाले चुनाव का शोर सुनाई नहीं दे रहा है। थोड़ा बहुत सक्रियता अगर दिख रही है तो वह भाजपा के प्रचार की दिखाई दे रही है या फिर हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी क्षेत्र की सीटों पर कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं। एक तरफ भाजपा कुछ चुस्त दिख रही है वहीं कांग्रेस अत्यंत सुस्त गति से आगे बढ़ रही है खास बात यह है कि इस चुनाव को लेकर मतदाताओं ने भी खामोशी ओढ़ रखी है जो हैरान करने वाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक रैली रुद्रपुर में कर चुके हैं और कल दूसरी रैली ऋषिकेश में करने जा रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दो—तीन जनसभाएं कर चुके हैं वही सीएम धामी तो महीनों से रोड शो कर ही रहे हैं। भाजपा के पास भले ही चुनावी मुद्दे न सही और वह शक्ति का अपमान, सेना का अपमान तथा भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने और राम मंदिर तथा सनातन जैसे मुद्दों के सहारे चुनाव मैदान में है। भाजपा को लग रहा है कि दमदार प्रत्याशी चुनाव में न उतार कर और प्रचार से बेरुखी के जरिए कांग्रेस ने भाजपा को वॉक ओवर का मौका दे दिया है। भाजपा नेता सभी पांचाेंं सीटें 5 लाख के अंतर से जीतने के दावे कर रहे हैं।
उधर कांग्रेस ने कल अपने प्रचार समिति की घोषणा की है। सवाल यह है कि अब प्रचार के लिए सिर्फ 7 दिन शेष बचे हैं इसमें अब यह प्रचार समिति क्या कुछ कर पाएगी उसके स्टार प्रचारक और केंद्रीय नेतृत्व की एक भी कोई बड़ी रैली नहीं हुई है। 13 अप्रैल को प्रियंका की दो रैलियां होने की बात कही जा रही है। राहुल गांधी आने वाले थे जिनका कार्यक्रम एक बार रद्द हो चुका है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी श्ौलजा एक—दो बार आई थी लेकिन अब लंबे समय से नहीं दिखी जबकि भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम लगातार यहां डेरा डाले हुए हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत और टिहरी गढ़वाल प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला व पौड़ी प्रत्याशी गणेश गोदियाल जरूर अपने क्षेत्र में प्रचार करते दिख रहे हैं। लेकिन वह बस जनसंपर्क तक ही सीमित है। रही बात मतदाताओं की तो वह खामोश है। बीजेपी प्रचार प्रसार में आगे है तो कांग्रेस अपने न्याय पत्र से जनता को लुभा रही है। मतदाता कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। बाजी किसके हाथ लगेगी यह तो 4 जून को ही पता चलेगा लेकिन अब तक चुनावी हाल तो कुछ ऐसा ही दिख रहा है।

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