कैबिनेट की बैठक में पेपर लीक व आपदा पर बड़े फैसले: नकल रोकने को बनेगा देश का सबसे सख्त कानून

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सरकार 2 सप्ताह में लाएगी कैबिनेट में प्रस्ताव
आपदा प्रभावितों को सरकार ने दिया बड़ा पैकेज

देहरादून। आज सचिवालय में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में जोशीमठ आपदा और भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों पर विस्तार से चर्चा हुई तथा कई अहम फैसले लिए गए।
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव एसएस संधू और आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि कैबिनेट बैठक में पेपर लीक मामले में सरकार देश का सबसे सख्त कानून लाएगी। उन्होंने कहा कि इस नकल विरोधी कानून का ड्राफ्ट तैयार कर दो सप्ताह के अंदर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसमें संगठित नकल को रोकने के लिए उम्र कैद और आरोपियों की संपत्तियां जप्त करने जैसे कड़े प्रावधान किए जाएंगे। मुख्य सचिव ने बताया कि लेखपाल भर्ती परीक्षा का जो पेपर लीक का मामला प्रकाश में आया है उसकी दोबारा परीक्षा कराई जाएगी जिसमें पुराने अभ्यर्थियों से कोई परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा और न उन्हें दोबारा आवेदन करने की जरूरत है साथ ही उन्होने कहा कि परीक्षा के दिन सेंटर तक जाने के लिए रोडवेज बसों में किराए भी नहीं लिया जाएगा।
वही जोशीमठ आपदा पर कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि आपदा प्रभावितों को पहले जो 4 हजार रूपये मासिक किराया तय किया गया था उसे 5 हजार कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों को होटल या रिजार्ट व होमस्टे की सरकारी दरों के हिसाब से 950 रूपये तथा खाने के लिए 450 रूपये प्रति व्यक्ति देने का निर्णय लिया गया है जो लोग राहत शिविर में खाना नहीं खाना चाहते हैं वह खाने का पैसा ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट में आपदा प्रभावितों के नवंबर तक बिजली पानी के बिल भी माफ कर दिए गए हैंं। वही पशुओं के विस्थापन के लिए 15000 रूपये, बड़े पशुओं के चारे को 80 रुपए व छोटे पशुओं के चारे का वह 40 रुपए प्रतिदिन दिए जाएंगे। प्रभावित परिवारों के 2 लोगों को मनरेगा में काम देने का निर्णय भी लिया गया है।
बैठक में सभी मंत्री अपने 1 माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे यह निर्णय भी लिया गया है। रंजीत सिंह ने बताया कि आपदा प्रभावितों के लिए पीपलकोटी, गौचर व ढाक पटृी सहित पांच स्थान चिन्हित किए गए हैं जिनके सर्वे के बाद अंतिम फैसला लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रभावित घरों को तोड़ा नहीं जाएगा तथा सर्वे के बाद मुआवजा निर्धारित करने की बात कही।

हाईकोर्ट ने पावर प्रोजेक्ट निर्माण पर लगाई रोक


नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने आज जोशीमठ में हो रहे भू धसाव की घटना के मद्देनजर क्षेत्र में बनाए जा रहे सभी पावर प्रोजेक्ट में किए जाने वाले निर्माण और विस्फोटों पर रोक लगा दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 2 माह बाद होगी।
न्यायालय द्वारा एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद जल विघुत परियोजनाओं में निर्माण और विस्फोट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस बाबत कोर्ट को बताया गया कि किसी भी परियोजना में निर्माण कार्य नहीं हो रहा है जिस पर न्यायालय ने कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। तथा सभी निर्माण व विस्फोटों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए हैं।

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