राजधानी देहरादून को जब केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में सूचीबद्ध किया गया था तो देहरादून के लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे थे। उन्हें ऐसा लगा था कि राजधानी बनने के कारण दून की जो व्यवस्थाएं डावाडोल हो रही है वह बहुत जल्द सुधर जाएंगी और दून पहले जैसा स्वच्छ और सुंदर दून बन जाएगा लेकिन आज स्मार्ट सिटी के नाम पर किए जा रहे बेतरतीब और घटिया निर्माण कार्य लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं। दून की तमाम प्रमुख सड़कों को स्मार्ट सिटी के कामों के लिए खोद डाला गया है स्मार्ट सिटी के कार्य करने वाली कार्यदाई संस्थाएं इतनी अधिक लापरवाह है कि उनकी इस लापरवाही ने लोगों के लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी कर दी है। बीते कल पलटन बाजार मेंं एक स्कूली बच्ची गहरे गड्ढे में जा गिरी और एक व्यक्ति की जान जाते—जाते बची। पलटन बाजार में बीते 1 साल से चल रहे निर्माण कार्यों ने व्यापारियों का काम धंधा चौपट करके रख दिया है कई भवनों व दुकानों को इस निर्माण कार्य की वजह से नुकसान पहुंचा है। निर्माण कार्यों के लिए सड़कों को खोदा जा रहा है और मरम्मत के नाम पर उन्हें सिर्फ मिटृी भरकर छोड़ दिया जाता है। बरसात में मिटृी नीचे धस जाती है और सड़कों पर जानलेवा गड्ढे बन रहे हैं। बलबीर रोड पर भाजपा के कार्यालय से आगे पेयजल पाइप लाइन टेस्टिंग में लीक होने पर सड़क को खोद कर यूं ही छोड़ दिया गया है। जिसके कारण आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इस मामले कि कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो लोग जिलाधिकारी के पास पहुंचे अब इसकी मजिस्ट्रियल जांच के आदेश डीएम दून आर. राजेश कुमार द्वारा दिए गए हैं। राजधानी दून की सड़कों की जो बदहाली स्मार्ट सिटी के कामों के कारण हुई है वैसा शायद पहले कभी नहीं हुआ होगा। पीडब्ल्यूडी और स्मार्ट सिटी की कार्यदाई संस्था व जल निगम और ऊर्जा निगमों के साथ कोई भी आपसी तालमेल नहीं है यह काम उस विभाग का है तथा यह काम इस विभाग का है आदि आदि बातें कहकर एक दूसरे विभाग पर जिम्मेदारियां डाली जा रही है लेकिन इसका खामियाजा आम जनता को ही भोगना पड़ रहा है। रही बात स्मार्ट सिटी के कामों की गुणवत्ता की तो स्मार्ट सिटी के लिए बिछाई गई पेयजल लाइनें पहले ही टेस्टिंग में फेल हो गई हैं इनमें पानी छोड़ते ही यह लाइनें जगह—जगह से लीक हो रही हैं। एक माह में 25 जगह लीकेज होने से इस काम की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो हो गए हैं। परेड ग्राउंड स्थित टैंक लीकेज के कारण नहीं भरा जा सक रहा है और डालनवाला क्षेत्र के लोग पेयजल संकट झेल रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसी स्मार्ट सिटी से तो पहले ही भले थे।