देवभूमि से आतंकियों की गिरफ्तारी, खतरे का संकेत

0
276

खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल

देहरादून। यूपी एटीएस द्वारा हरिद्वार, सहारनपुर और शामली से बीते कल आतंकी संगठनों से जुड़े जिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह न सिर्फ इस बात का संकेत है कि देवभूमि उत्तराखंड न सिर्फ अपराधियों की शरण स्थली के रूप में बल्कि आतंकी गतिविधियों का केंद्र भी बनता जा रहा है। जो राज्य सरकार के लिए एक चिंतनीय मुद्दा है। खास बात यह है कि इनके द्वारा उत्तराखंड से फंडिंग किए जाने की जानकारी भी मिली है।
अलीनूर जिसे एटीएस द्वारा हरिद्वार से पकड़ा गया है मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है तथा मुदस्सीर जिसे रुड़की से गिरफ्तार किया गया, से पूछताछ में पता चला है कि वह लंबे समय से यहां रह कर गजवा ए हिंद विचारधारा से युवाओं को जोड़ने के काम में लगे हुए थे। गजवा ए हिंद उसी संगठन की शाखा है जिसे पीएफआई कहा जाता है जिसके द्वारा देश भर में कटृरवादी विचारधारा का पोषण किया जाता रहा है। सर तन से जुदा करने के नारे और सर तन से जुदा करने की जो घटनाएं अब तक देश के किसी भी कोने में घटित हुई उसमें पीएफआई और गजवा ए हिंद की सक्रियता सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार इनकी तलाश कर रही है। अभी बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम के दौरान कानपुर में जो हिंसा आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थी उन्हें गंभीरता से लेते हुए यूपी पुलिस द्वारा इनकी धरपकड़ का काम किया जा रहा है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अभी देश भर में की गई ईडी की छापेमारी में पीएफआई के 100 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी। जिनसे हुई पूछताछ और उनके ठिकानों से मिले तमाम सबूतों के आधार पर पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार इन आतंकवादियों द्वारा बंगाल, असम के बाद अब उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश को भी अपना ठिकाना बना लिया गया है। तथा यह जमात, हादिया व इमदाद के नाम पर फंड जुटाने का काम कर रहे हैं जो आतंकी गतिविधियों के लिए प्रयोग किया जाता है। देवभूमि से संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल है। इतने सालों से देवभूमि में रह रहे इन संदिग्धों को यूपी एटीएस गिरफ्तार करती है जबकि राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को इनके बारे में कोई जानकारी नहीं लग पाती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here