भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड 1064 ऐप का किया शुभारंभ
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में विजिलेंस द्वारा बनाई गई भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड 1064 मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस ऐप के जरिए जो भी शिकायतें मिलेंगी उनका तत्काल प्रभाव से निस्तारण किया जाएगा।
राज्य गठन के बाद से ही भ्रष्टाचार उत्तराखंड में एक बड़ा मुद्दा रहा है। भ्रष्टाचार की जड़े बीते दो दशक में इतनी मजबूत हो चुकी है कि भ्रष्टाचार के इस वट वृक्ष को उखाड़ फेंकना किसी के लिए भी आसान नहीं रहा है। विजिलेंस विभाग द्वारा डेवलप की गई यह नई ऐप और उसका भ्रष्टाचार मिटाने का उद्देश्य कितना सफल रहता है यह तो समय ही बताएगा लेकिन इसे एक अच्छी पहल माना जा सकता है। मुख्यमंत्री धामी ने आज इस ऐप के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि इस ऐप का प्रयोग लोग सिर्फ विजिलेंस जांच से जुड़े मामलों के लिए ही करें उनका कहना है कि अन्य किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की जानकारी देने के लिए सीएम हेल्पलाइन के नंबर का उपयोग करें। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा की इस ऐप के जरिए मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण शीघ्र किया जाए।
उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के बाद राज्य में एक से बड़े एक घोटाले मामले प्रकाश में आते रहे हैं जिन्हें लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही द्वारा अपने राजनीतिक हित साधे जाते रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के किसी भी बड़े से बड़े मामले में आज तक किसी भी आरोपी नेता या अधिकारी को जेल नहीं भेजा जा सका है। तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी ने सबसे पहले राज्य से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए लोकायुक्त गठन की पहल शुरू की थी लेकिन यह पहल आज तक भी परवान नहीं चढ़ सकी है। इसके बाद 2017 के चुनाव में भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में लोगों से सरकार बनने पर 100 दिन में लोकायुक्त गठन का वायदा किया था और त्रिवेंद्र सिंह ने सीएम पद की शपथ ग्रहण के बाद भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कहकर इसे अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता बताया था लेकिन वह लोकायुक्त बिल पेश करने के बाद भी न लोकायुक्त का गठन साढे़ चार साल में कर पाए और न एनएच—74 के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच करा सके थे। अब सीएम धामी द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड ऐप लांच कर भ्रष्टाचार मिटाने के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं देखते हैं वह कितना भ्रष्टाचार मिटा पाते हैं?