आपदा राहत पर कांग्रेस का हल्ला बोल

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सचिवालय पर उपवास पर बैठे हरीश रावत
10 दिन बाद भी नहीं मिली पीड़ितों को सहायता

देहरादून। आपदा प्रभावितों को अभी तक सहायता न मिल पाने से नाराज कांग्रेस ने आज सचिवालय कूच कर सरकार से पीड़ितों को तत्काल सहायता पहुंचाने की मांग की और सरकार पर आपदा प्रबंधन में फेल होने का आरोप लगाया।
पूर्व सीएम हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में आज कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन से सचिवालय तक जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। सचिवालय से 50 मीटर पहले ही प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा रोके जाने पर हरीश रावत और उनके समर्थक सड़क पर धरने व उपवास पर बैठ गए।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाया है कि आपदा के 10 दिन बाद भी पीड़ित परिवारों को सरकार से किसी तरह की सहायता नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि अभी तक सिर्फ 30 फीसदी लोगों तक की आंशिक सहायता मिल सकी है जबकि 70 फीसदी प्रभावित लोगों तक किसी भी तरह की सहायता नहीं पहुंची है। उनका कहना है कि सरकार अभी तक चमोली के दो लापता लोगों के शव तक नहीं तलाश सकी है। अभी तक आपदा से हुए नुकसान का भी आकलन नहीं हो सका है। राज्य की सड़कों की मरम्मत का काम भी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस आपदा में अपनों को खो चुके हैं तथा जिनके घर इस आपदा में ध्वस्त हो चुके हैं उन्हें तत्काल सहायता की जरूरत है। आपदा प्रभावित लोग खुले आसमान के नीचे पड़े हुए हैं उनके पास न खाने को है न रहने को घर है।
उल्लेखनीय है वह सरकार को 27 अक्टूबर तक समय देकर यह कह चुके थे अगर पीड़ितों तक सहायता नहीं पहुंची तो वह उपवास पर बैठ जाएंगे।
सरकार द्वारा आपदा सहायता राशि में की गई बढ़ोतरी को ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्याप्त नहीं है अगर सरकार मानकों की बात करती है तो वह मुख्यमंत्री राहत कोष से भी अधिक सहायता दे सकते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर सरकार पीड़ितों को शीघ्र सहायता नहीं देती है तो उनका आंदोलन जारी रहेगा। समाचार लिखे जाने तक हरीश रावत व गणेश गोदियाल सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ उपवास पर बैठे थे।

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