नई दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जम्मू कश्मीर नेशनल फ्रंट (जेकेएनएफ) पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आज जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट को गैरकानूनी एसोसिएशन घोषित कर दिया। फ्रंट को जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और आतंकवाद का समर्थन करने, राष्ट्र की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को चुनौती देने के लिए अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पाया गया। हम भारत के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आतंकवादी ताकतों को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सोशल प्लेटफॉर्म गृह मंत्रालय (एमएचए) ने आरोप लगाया कि नईम अहमद खान की अध्यक्षता वाला संगठन “गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त है, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक है”। इसने जेकेएनएफ के सदस्यों पर “जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने” के लिए आतंकवादी गतिविधियों और भारत विरोधी प्रचार का समर्थन करने में शामिल होने का आरोप लगाया। जेकेएनएफ के प्रमुख नईम खान 2017 में तब चर्चा में आए थे, जब उन्हें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के गिलानी गुट की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। खान को एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद निलंबित कर दिया गया था, जिसमें उन्हें कथित तौर पर 2016 की अशांति के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तानी फंड के इस्तेमाल की बात स्वीकार करते हुए दिखाया गया था। कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान से धन प्राप्त करने के आरोपों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी उनसे पूछताछ की थी ।