July 5, 2024नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लोकसभा सांसद के तौर पर शुक्रवार को शपथ दिलाई गई। अमृतपाल को शपथ दिलाने के लिए असम के डिब्रूगढ़ जेल से दिल्ली लाया गया था। इसके लिए बकायदा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह को शुक्रवार तड़के कड़ी सुरक्षा के बीच पहले एयरपोर्ट लेकर लाया गया था। इस दौरान अमृतपाल सिंह की सुरक्षा में पंजाब पुलिस के आठ जवान तैनात हैं। अमृतपाल को जेल से एयरपोर्ट तक लाने और फिर दिल्ली की फ्लाइट पकड़ाने तक, असम पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भी सभी तरह के इंतजाम किए थे। लोकसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए कोर्ट ने अमृतपाल सिंह को चार दिन की पेरोल दी है। आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता है। अमृतपाल सिंह को बतौर सांसद शपथ लेने के लिए कोर्ट ने सशर्त पेरोल दी है। पंजाब में अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी पैरोल आदेश में निर्धारित शर्तों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में रहने के दौरान सिंह, उनके रिश्तेदार या परिवार के सदस्य मीडिया में कोई बयान नहीं देंगे। अमृतपाल सिंह को पिछले साल 23 अप्रैल को अमृतसर से गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख हैं। वह अपने नौ सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद हैं। अमृतपाल को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों से दूर रहें।
July 5, 2024पिथौरागढ़। 80 वर्षीय बुर्जुग महिला से दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बुर्जुग महिला से दुष्कर्म किये जाने का यह मामला 8 फरवरी 2023 को घटित हुआ था जो कि अपने घर में अकेली रहती थी।जानकारी के अनुसार यह शर्मनाक घटना पिथौरागढ़ जनपद के जाजरदेवल थाना क्षेत्र का है जहाँ पर एक 80 साल की वृद्धा अकेले रहती थी और गाँव के ही एक युवक मुकेश सिंह बिष्ट ने 8 फरवरी 2023 को उसके घर में घुसकर पहले बुजुर्ग महिला से मारपीट की और फिर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। वृद्ध महिला की चीख—पुकार सुनकर जब तक आस पड़ोस के लोग उसके घर पहुंचे तब तक आरोपी मौके से फरार हो चुका था।मामले मेें पीड़ित बुजुर्ग महिला के परिजनों ने जाजरदेवल थाने में आरोपी युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 450, 376 (2) के तहत मुकदमा दर्ज कराया और फिर यह मामला जिला सत्र न्यायलय में चला। सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुकेश सिंह बिष्ट को आईपीसी की धारा 323 के अपराध में दोषी ठहराते हुए एक साल की कठोर जेल और एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। यदि अर्थदंड का भुगतान नहीं किया गया तो एक महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी पड़ेगी। धारा 450 के तहत आरोपी को 10 वर्षों की कठोर कारावास की सजा और 20,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है। यदि अर्थदंड का भुगतान नहीं किया जाता है, तो दो साल की अतिरिक्त कठोर कैद की सजा भुगतनी होगी। धारा 376(2) के अंतर्गत आरोपी को आजीवन कारावास और 50,000 रुपये का अर्थदंड दिया गया है। अर्थदंड न चुकाने पर दोषी को पांच वर्षों की अतिरिक्त कठोर कैद की सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएँ एक साथ लागू होंगी। इस मामले की पैरवी राज्य सरकार की ओर से डीजीसी फौजदारी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने की है।
July 5, 2024देहरादून। अपर पुलिस महानिदेशक अपराधा एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने निर्देशित किया कि सम्पूर्ण उप निर्वाचन को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु आवश्यकतानुसार पुलिस बल नियुक्त किया जाय।आज एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/राज्य पुलिस नोडल अधिकारी, निर्वाचन, उत्तराखण्ड द्वारा जनपद चमोली की 04—बद्रीनाथ तथा जनपद हरिद्वार की 33—मंगलौर विधानसभा उप निर्वाचन— 2024 को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र एवं जनपद प्रभारी चमोली व हरिद्वार के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की गयी।वीडियो कांन्फ्रेसिंग के दौरान जनपद प्रभारी चमोली एवं हरिद्वार से निर्वाचन हेतु मतदान एवं मतगणना दिवस की कार्यवाही एवं तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गई। इन दोनों जनपद प्रभारियों के द्वारा उप निर्वाचन हेतु पुलिस बल की ब्रीफिंग, पोलिंग पार्टियों के प्रस्थान के सम्बन्ध में बताया गया। यह भी बताया गया कि उप निर्वाचन में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था/राज्य पुलिस नोडल अधिकारी, निर्वाचन, उत्तराखण्ड द्वारा निर्देशित किया गया कि सम्पूर्ण उप निर्वाचन को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु आवश्यकतानुसार पुलिस बल नियुक्त किया जाय। चुनाव के दृष्टिगत गश्त, चौकिंग सम्पूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में लगातार की जाय, साथ ही बार्डर क्षेत्र में सतर्क दृष्टि रखते हुये समन्वय रखा जाय साथ ही श्ौडो एरिया में पड़ने वाले पोलिंग स्टेशनों पर संचार की सुचारू व्यवस्था समय से की जाय, ताकि निर्वाचन प्रक्रिया में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उन्होंने निर्देश दिये कि निर्वाचन के दौरान सतर्क दृष्टि रखते हुये अपराध एवं कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखा जाय। किसी भी प्रकार की घटना होने पर तुरन्त उचित वैधानिक कार्यवाही की जाय। एपी अंशुमान ने बताया कि जनपद चमोली की 04—बद्रीनाथ विधान सभा उप निर्वाचन में कुल 203 मतदान केन्द्र एवं 210 मतदेय स्थल स्थापित है, जिसमें से 26 मतदान केन्द्रों को क्रिटिकल की श्रेणी में रखा गया है, इनकी निगरानी हेतु एफएसटी की 06 तथा एसएसटी की 08 टीमें गठित की गयी हैं। इसी प्रकार जनपद हरिद्वार की 33—मंगलौर विधान सभा उप निर्वाचन हेतु कुल 64 मतदान केन्द्र एवं 132 मतदेय स्थल स्थापित है, जिसमें से 45 मतदान केन्द्रों को क्रिटिकल की श्रेणी में रखा गया है, इनकी निगरानी हेतु एफएसटी की 03 तथा एसएसटी की 04 टीमें गठित की गयी हैं। बैठक में कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरिक्षक अभिसूचना, सुश्री पी रेणुका देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था श्रीमती तृप्ति भटृ, पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना सहित वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक हरिद्वार एवं चमोली द्वारा प्रतिभाग किया गया।
July 5, 2024हरिद्वार। खनन माफिया द्वारा खोदे गये गढ्ढे में कल तीन बच्चों के गिर जाने के बाद जहंा दो बच्चे सुरक्षित निकाल लिये गये वहीं आज सुबह एक बच्चे का शव मिलने से लोग आक्रोशित हो गये और उन्होने सड़क जाम कर दिया। हालंाकि पुलिस ने उन्हे किसी तरह से समझा बुझा कर जाम खुलवा दिया है।मामला हरिद्वार के नवोदय नगर स्थितं सुखी नदी का है। जिसमें डूब कर हुई एक बच्चे की मौत के बाद स्थानीय लोगों में जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला, गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। दरअसल सुखी नदी में खनन माफियों द्वारा कई फीट गहरे गड्ढे खोद दिए गए हैं, जिसमें कल तीन बच्चे डूब गए थे जिनमें से दो बच्चों को बचा लिया गया था जबकि एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई है, आज बच्चे का शव बरामद हुआ जिसके बाद लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया, बाद में पुलिस ने लोगों को समझा कर जाम खुलवाया, लोग खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे है।
July 5, 2024उत्तरकाशी। गौमुख पैदल मार्ग पर चीड़वासा के पास पुल टूटने से कई कावड़िये फंस गये। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 8 कावंड़ियों को सुरक्षित निकाला जबकि बाकी कावंड़ियों के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है।जानकारी के अनुसार बीती रात जनपद उत्तरकाशी के पुलिस चौकी गंगोत्री द्वारा एसडीआरएफ टीम को सूचित किया गया कि चीड़वासा पुल टूट गया है, जिसमें लगभग 40 कावड़ियें नदी के दूसरे छोर पर फंस गए है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए आज सुबह एसडीआरएफ टीम उप निरीक्षक सावर सिंह के हमराह मय आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई। एसडीआरएफ टीम द्वारा लगभग 8 किमी पैदल दूरी तय कर घटनास्थल पर पहुंचकर त्वरित कार्यवाही करते हुए 8 कांवड़ियों को सकुशल निकाल लिया गया है। एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम इंचार्ज सावर सिंह द्वारा सैटेलाइट फोन के माध्यम से बताया गया कि बाकी कांवड़ियों के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ टीम लगातार काम कर रही है, जल्द ही सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
July 5, 2024देवभूमि की मित्र पुलिस खाकी पहनकर महिलाओं के साथ क्या—क्या कारनामे कर रही है, आए दिन प्रकाश में आने वाली खबरें इसकी पुष्टि और प्रमाण के लिए काफी है। अभी दो दिन पहले ही डीजीपी अभिनव कुमार ने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा था कि इससे पुलिस की छवि खराब हो रही है तथा ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। अपने 3 साल के कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री धामी ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता बताया लेकिन इसके बाद भी न तो महिलाओं पर होने वाले अत्याचार, हिंसा और उनके यौन उत्पीड़न के मामले थम रहे हैं और न ही उसमें कोई कमी आ रही है। खास बात यह है कि खुद पुलिसकर्मी जिन पर महिलाओं को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी है वह इस तरह के अपराधों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो फिर महिलाओं की सुरक्षा की बात या सर्वाेच्च प्राथमिकता की बात एक बेमानी से ज्यादा कुछ नहीं है। केदारनाथ में एक महिला को सहायता देने के नाम पर पुलिस कैंप में ठहराया जाना और उसके साथ छेड़छाड़ किए जाने का जो मामला प्रकाश में आया है वह अत्यंत ही चिंताजनक है। भले ही इस मामले में महिला द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर और पुलिस हेल्पलाइन पर ऑनलाइन शिकायत के बाद दो दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया हो लेकिन सवाल यह है कि धार्मिक यात्रा पर आने वाली महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात किए गए पुलिस कर्मियों की अगर मानसिकता इस तरह की है तो इस प्रदेश के मानसिक रूप से बीमार पुलिस वालों का सख्त इलाज करने की जरूरत है। देवभूमि की सभ्यता और संस्कृति को कलंकित करने वाले पुलिस कर्मियों की पुलिस में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर लाखों महिला श्रद्धालु देश—विदेश से आती है अगर एक भी ऐसी घटना सामने आती है तो उससे उत्तराखंड की छवि को ऐसा नुकसान होता है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। अभी उधमसिंहनगर का एक आडियो वायरल हुआ था। जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर महिला से अश्लील बातचीत कर रहा था। जिसके खिलाफ कार्रवाई करने पर पुलिस को विवश होना पड़ा। ऐसे एक नहीं अनेक मामले अब तक समय—समय पर प्रकाश में आते रहे हैं जो अब एक इतिहास बनता जा रहा है। जहां तक राज्य में महिला अपराधों की बात है तो अंकिता भंडारी हत्याकांड से लेकर अभी हरिद्वार में एक नाबालिक लड़की से गैंगरेप और हत्या के मामले में सत्तारूढ़ भाजपा दल के नेताओं की संलिप्ता यह बताती है कि शासन—प्रशासन में बैठे चाहे नेता हो या फिर अधिकारी वह भले ही महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर कितनी भी बड़ी—बड़ी बातें करते हो लेकिन जमीनी सच्चाई यही है कि वह इन्हें लेकर कतई भी फिक्रमंद नहीं है। जब भी इस तरह की कोई घटना सामने आ जाती है तो उस पर कार्यवाही करके या फिर उसे रफा दफा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। जो अत्यंत ही चिंतनीय मुद्दा है शासन—प्रशासन में बैठे लोगों को इस पर और अधिक गंभीर होने की जरूरत है।