देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ के माध्यम से छात्रों, शिक्षको और अभिभावकों को संबोधित किया। इस मौके पर छात्रों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।
उन्होने कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा के तनाव को विघार्थियों के साथ—साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए। अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा न हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा।
वहीं परीक्षा के तनाव से मुक्त होने के गुर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे मोबाइल को कार्य करने के लिए चार्जिंग की आवश्यकता होती है, उसी तरह बॉडी को भी रिचार्ज रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि स्वस्थ मन के लिए शरीर को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रॉपर नींद लेना भी बहुत आवश्यक है। हमें आदत डालनी चाहिए कि हम निर्णायक बनें। कंफ्यूजन में नहीं रहना चाहिए। अगर कोई कंफ्यूजन है तो हमें उस पर बात करनी चाहिए और उसका समाधान करके आगे बढ़ना चाहिए। उन्होने सभी अभिभावकों से आग्रह किया है कि अपने बच्चों के बीच कभी भी प्रतिस्पर्धा के बीज न बोएं, बल्कि एक—दूसरे के लिए प्रेरणा बनें।