रेस्क्यू कार्य में फिर आई रुकावट

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  • 24 मीटर तक पाइप बिछाया, सभी मजदूर सुरक्षित
  • इंदौर से मंगाई जा रही है एक और मशीन
  • छठे दिन भी काम में नहीं हुई कोई खास प्रगति

उत्तरकाशी। दीपावली से सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की जान बचाने के लिए युद्ध स्तर पर चलाये जा रहे बचाव व राहत कार्य में बार—बार बाधाएं आने से मंजिल तक पहुंच पाना मुश्किल होता जा रहा है। आज हादसे के छठे दिन दिल्ली से मंगाई गई हाई पावर वाली आगर ड्रिल मशीन के रास्ते में कोई ठोस चटृान या मलबे में दबी मशीन के आ जाने के बाद ड्रिलिंग का काम रुका रहा और अब इंदौर से एक और आगर मशीन मंगवाने की बात कही जा रही है।
ड्रिलिंग का काम 24 मीटर तक हो चुका है काम क्यों रुका हुआ है इसकी पुख्ता जानकारी किसी के भी द्वारा नहीं दी जा रही है। कभी मशीनों को थोड़ा रेस्ट देने की बात कही जाती है तो कभी मशीन के रास्ते में ठोस चटृान या फिर मलबे में दबी मशीन के आने की बात कही जा रही है लेकिन फिलहाल देर रात से ही काम रुका हुआ है इस बीच इंदौर से एक और ड्रिलिंग मशीन मंगवाने की बात कहे जाने से यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मशीन में कोई तकनीकी दिक्कत आ गई है। वही यह भी कहा जा रहा है कि इंदौर से मशीन मंगवाने का उद्देश्य स्टैंड बाय में एक मशीन रखा जाना है, जिससे काम रुके नहीं। आज दोपहर बाद एक बार फिर से ड्रिलिंग का काम शुरू होने की बात भी कही गई है। लेकिन स्थिति की सही जानकारी को लेकर भ्रम की ही स्थिति बनी हुई है।
एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मलिक का कहना है कि घबराने की कोई बात नहीं है। सभी श्रमिक सकुशल है तथा काम जारी है। 24 मीटर पाइप डाला जा चुका है और संभावित लक्ष्य से हम सिर्फ 30 या 35 मीटर ही दूर है। उनके द्वारा इंदौर से एक आगर मशीन एयरलिफ्ट कर लाये जाने की जानकारी देते हुए बताया गया है कि कल तक इस मशीन को इंस्टॉलेशन कर तैयार कर लिया जाएगा जिससे एक मशीन खराब होने की स्थिति में भी काम जारी रखा जा सके। उन्होंने समय सीमा के बारे में कुछ भी कहने से मना करते हुए कहा है कि ऐसा कोई दावा नहीं किया जा सकता है कि काम कब तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अभी सिर्फ यही कह सकते हैं कि सुरंग में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया जाएगा यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि रेस्क्यू के काम में थाईलैंड व नार्वे के विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर की रात सुबह 4 बजे हुए इस हादसे में यह मजदूर सुरंग में फंस गए थे। पहले 2 दिन सुरंग से मलवा हटाकर इन्हें बाहर निकलने का प्रयास किया गया जो असफल रहा। इसके बाद फिर दून से आगर मशीन से ड्रिलिंग कर पाइप बिछाने की कोशिश में 2 दिन का समय चला गया जब यह प्रयास असफल हो गया तब दिल्ली से हाई पावर आगर ड्रिल मशीन एयर लिफ्ट कर मंगाई गई, जिसने कल काम शुरू किया जो आज अटक गया। अब इंदौर से दूसरी मशीन मंगवाने की बात हो रही है ऐसी स्थिति में समय के लगातार बढ़ने व कार्य में अपेक्षित प्रगति न होने से सुरंग में फंसे मजदूरों पर जीवन संकट तो गहराता जा ही रहा है इसके साथ ही परिजनों की चिंता और लोगों का आक्रोश भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अभी सभी के जहन में बस यही सवाल है कि आखिर यह रेस्क्यू कार्य का पूरा होगा और सुरंग में फंसे मजदूर कब बाहर आ सकेंगे।

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