नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को जी20 समूह की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा। इस मौके पर लूला डी सिल्वा ने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के लिए भारत की सराहना की। जी20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में मोदी ने ब्राजील को इस समूह की अध्यक्षता के लिए गैवल सौंपा और शुभकामनाएं दीं। ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा। लूला डी सिल्वा ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के भारत के प्रयासों के लिए उसका आभार जताया। लूला डी सिल्वा ने सामाजिक समावेशन, भूख के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा परिवर्तन और सतत विकास को जी20 की प्राथमिकताओं के रूप में सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपनी राजनीतिक ताकत बरकरार रखने के लिए स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नये विकासशील देशों की आवश्यकता है। ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विकासशील देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व चाहते हैं।’ बता दें कि 2023 के जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत ने सफलता पूर्वक किया। तमाम चुनौतियों के बावजूद भी भारत ने बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध पर काफी मतभेदों के बावजूद जी20 शिखर सम्मेलन में सर्वसम्मति से घोषणापत्र जारी किया। जी20 नेताओं के घोषणापत्र में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का जिक्र करने से परहेज किया गया और सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का सामान्य आह्वान किया गया, जिसे मोटे तौर पर संघर्ष को लेकर पश्चिमी देशों के रुख में नरमी के तौर पर देखा जा रहा है। इसे लेकर भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साख भी बढ़ी है।