April 24, 2024पौड़ी। शादी समारोह के दौरान हुई मेंहदी रस्म के बाद अचानक दुल्हन के लापता होने से खुशियंा मातम में तब्दील हो गयी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने तत्काल दुल्हन की गुमशुदगी दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।पौड़ी गढ़वाल के एक गाँव में चौंकाने वाली घटना सामने आयी है। यहंा आज यानि बुधवार को एक युवती की शादी थी। जिसकी सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी थीं। मेहंदी की रस्म के बाद जब सब खुशियों में सो रहे थे। सुबह जागते ही दुल्हन लापता मिली। जिसके बाद परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया है।कोतवाली पौड़ी पुलिस को दुल्हन के जीजा ने तहरीर देकर बताया कि उसकी साली का शादी समारोह मेरे घर में आयोजित हो रहा था। बीते सोमवार रात साली की मेहंदी की रस्म संपन्न हुई जिसके बाद मंगलवार को सुबह जब परिवार के लोग उठे, तो देखा कि दुल्हन अपने कमरे में नहीं है। आसपास खोजबीन की तो वह कहीं नहीं मिली और उसका फोन भी स्विच ऑफ आया। बताया कि बुधवार यानि आज उसकी बारात रुद्रप्रयाग से आनी थी। पौड़ी कोतवाली पुलिस के अनुसार दुल्हन के लापता होने पर जीजा की ओर से शिकायत मिलने के बाद, गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया है और तलाश तेज कर दी गई है। बताया कि पुलिस टीम गठित की गई है और एसआई लक्ष्मी जोशी को जांच के लिए निर्देशित किया गया है।
April 24, 2024वाशिंगटन। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का विरासत टैक्स को लेकर दिए गए बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है। अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है। भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि इस पर चर्चा होनी चाहिए। भारत में यदि किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। सैम पित्रोदा ने आगे कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक नीति बनाएगी जिसके माध्यम से धन वितरण बेहतर होगा। इस बयान के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है। सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स पर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्पष्टीकरण दिया है। जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र में हर शख्स को उनके निजी विचारों पर चर्चा करने और अपनी राय रखने की स्वतंत्रता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की राय से मेल खाते हो। कई बार ऐसा नहीं होता। उनकी टिप्पणी को सनसनीखेज बनाकर पेश किया जा रहा है। प्रधानंमत्री मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनावी कैंपेन से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर पित्रोदा के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।
April 24, 2024नोएडा । नोएडा पुलिस द्वारा कई मामलों में वांछित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भगोड़े कुख्यात अपराधी रवि नागर उर्फ रवि काणा को थाईलैंड में गिरफ्तार किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि थाईलैंड के अधिकारियों ने नागर के साथ उसकी प्रेमिका काजल झा को भी हिरासत में ले लिया है। जानकारी के मुताबिक, नोएडा पुलिस रवि काणा और काजल झा को भारत लाने की औपचारिकताएं पूरी कर रही है। रवि काणा और काजल झा काफी लंबे समय से फरार चल रहे थे। नोएडा पुलिस ने दोनों के खिलाफ लुकआउट और रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि वे थाईलैंड भाग गए हैं। तब से नोएडा पुलिस लगातार अपने थाई समकक्षों के संपर्क में थी। गैंगस्टर रवि काणा पर गैंगस्टर एक्ट के तहत गैंग रेप का मामला दर्ज है। 1 जनवरी, 2024 से एक महिला द्वारा रवि काणा के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराने के बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने रवि काणा के विभिन्न संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वह पकड़ से बाहर रहा। बाद में पुलिस ने काजल झा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। रवि काणा की पत्नी सहित 14 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत में दायर 500 पन्नों की चार्जशीट के अनुसार, पुलिस ने रवि काणा को अवैध गतिविधियों का सरगना बताया, जबकि उसकी प्रेमिका को भी उसके अपराध में बराबर का भागीदार माना गया।
April 24, 2024नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर के तौर पर नईमा खातून को नियुक्त किया गया है। यूपी के अलीगढ़ में स्थित इस यूनिवर्सिटी के 100 साल के इतिहास में नईमा इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को नईमा खातून को एएमयू का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है। प्रेसिडेंट मुर्मू अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की विजिटर भी हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस समय देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू है। इस वजह से इलेक्शन कमीशन से भी नियुक्ति को लेकर मंजूरी मांगी गई थी। चुनाव आयोग ने कहा कि उसको नियुक्ति में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि इससे कोई राजनीतिक लाभ ना लिया जाए। बता दें कि नईमा खातून पांच सालों तक यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर पद पर बनी रहेंगी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमन्स कॉलेज में नईमा खातून प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं। वीसी बनने से पहले वो प्रिंसिपल के पद पर थीं। बता दें कि उन्होंने एएमयू से ही पढ़ाई की है। नईमा ने एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी की तथा फिर 1988 में उनको यूनिवर्सिटी के इसी डिपार्टमेंट में लेक्चरर बना दिया गया। 2006 में वो मनोविज्ञान की प्रोफेसर बनीं और इसके बाद 2014 में उनको वीमन्स कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया। बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान ने की थी। उस समय इसको मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज के नाम से जाना जाता था। 1920 में मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज का नाम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हो गया।
April 23, 2024जैसे विज्ञापन छपवाते हो वैसा ही छपवाओ माफीनामा सुप्रीम कोर्ट ने फिर दी चेतावनी, नहीं तो चलेगा अवमानना का केस नई दिल्ली। योग गुरू बाबा रामदेव और आचार्य बाल कृष्ण भ्रामक विज्ञापन के मामले में इस कदर उलझ गये है कि देश की सर्वोच्च अदालत में बार—बार लिखित माफीनामा देने के बाद भी उन्हे राहत की जगह सिवाय फटकार के कुछ भी नहीं मिल सका है। हर बाद अदालत उन्हे अपनी गलती में सुधार करने की हिदायत के साथ नई तारीख देती है और साथ ही इस बात की चेतावनी भी कि लगता है कि आपके खिलाफ हमें कोर्ट की अवमानना का मामला चलाना ही पड़ेगा।दो बार के लिखित हलफनामे और माफीनामें के बाद कोर्ट ने उन्हे कहा था कि आप अखबारों में अपना माफीनामा छपवायें। यानि अदालत के समक्ष नही जनता के समक्ष माफी मांगे। आज हुई सुनवायी के दौरान उनके अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके मुअकिल ने 67 अखबारों में माफीनामा छपवा दिया है। कोर्ट में मौजूद बाबा रामदेव ने हाथ जोड़कर कहा कि भविष्य में वह ऐसी गलती नहीं करेंगे। अब तो उन्हे माफ कर दिया जाये। उनकी तरफ से वह अखबार भी अदालत में पेश किये गये जिनमें माफीनामा छपा था।इस माफनामे को देखकर पीठ के सदस्य और भी भड़क गये। उन्होने पूछा कि क्या आप अपनी दवाओं और उत्पादों के विज्ञापन भी इसी तरह और इतनी जगह में छपवाते है? कोर्ट की आपत्ति पर उनके पक्ष को कोई जवाब देते नहीं बना। तब अदालत ने उन्हे कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि लगता है कि आप अभी भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आप एक पत्रकार वार्ता बुलाये और सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए वैसे ही अपना माफीनामा छपवाए जैसे कि विज्ञापन छपवाते थे। कोर्ट ने अब उन्हे 30 अपै्रल को फिर पेश होने के लिए कहा है। साथ ही कहा है कि आप हमें बाध्य न करें कि हम आप पर अवमानना का केस चलाये। कोर्ट ने मैडिकल एसोसिएशन को भी मंहगी दवांए लिखने वाले डाक्टरों को भी कैसे प्रतिबंधित किया जाये इसके बारे में भी हिदायत दी है।
April 23, 2024बहुत जल्द फिर भाजपा में जायेगें हरक देहरादून। न खुदा ही मिला न विसाल—ए—सनम न इधर के हुए न उधर के हुए। इन दिनों यह पंक्तियंा राजनीति में शेर—ए—गढ़वाल कहे जाने वाले डा. हरक सिंह रावत पर सौ फीसदी खरी उतर रही है।हमेशा खबरों की सुर्खियों में बने रहने वाले डा. हरक सिंह ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि कभी ऐसी भी स्थितियां भी पैदा हो सकती है कि किसी पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद फिर उन्हे उसी पार्टी में जाना पड़ेगा। पाखरो सफारी घोटाले में फंसे डा. हरक सिंह पर जांच ऐजेसिंयों का कसता शिंकजा और कांग्रेस में उन्हे वापसी के बाद भी स्वीकार नहीं किये जाने के कारण आज हरक सिंह मुसीबतों से जूझ रहे है। उनकी पुत्र वधु अनुकृति अभी दो दिन पूर्व भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुकी है। जिसके बाद से उनके भी भाजपा में जाने की खबरें चर्चाओं के केन्द्र मे है।नैनीताल सांसद अजय भट्ट का कहना है कि कुछ ही दिनों में डा. हरक सिंह की भी भाजपा में वापसी हो जायेगी। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट पहले ही यह कहकर संकेत दे चुके है कि अभी कुछ कांग्रेसी विधायक भी भाजपा में शामिल होने वाले है। भट्ट से हरक सिंह के बारे में पूछा गया था तो उन्होने कहा था कि जब तक किसी व्यक्ति पर दोष सिद्ध नहीं होता उसे आप दोषी नहीं मान सकते है। उनका यह भी कहना है कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा पार्टी से जो भी निष्कासित किया गया है उसे भाजपा हाईकमान कभी भी वापस ले सकती है। इसलिए अब देर सवेर उनका भाजपा में जाना तय माना जा रहा है।दरअसल डा. हरक सिंह से 2016 में जो एक बड़ी चूक हुई थी और जब वह कांग्रेस तथा राज्य की हरीश रावत सरकार से बगावत कर अन्य नेताओं के साथ भाजपा में चले गये थे। स्थिति और परिस्थितियों ने उन्हे फिर से कांग्रेस में आने पर विवश तो कर दिया लेकिन सूबे के कांग्रेसी नेता उन्हे आत्मसात नही कर सके। उधर घपले घोटालों की फाइलें खोलकर तमाम जांच के जंजाल में उन्हे अब फंसा दिया गया है। डा. हरक सिंह को शायद अब लगने लगा है कि सिर्फ भाजपा में जाकर उन्हे इससे निजात मिल सकती है। अनुकृति अगर भाजपा में गयी है तो वह हरक सिंह की स्वीकृति से ही गयी है। देखना है कि अब हरक कब भाजपा में वापस जाते है।