हेलीकाप्टर किराये पर देने के नाम पर ठगे 1.89 करोड़ रूपये

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देहरादून। हेलीकाप्टर किराये पर देने के मामले में एक करोड 89 लाख की ठगी के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नोएडा निवासी सुभादीप संधू ने कैण्ट कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उसकी कंपनी एक विधिवत् निगमित कंपनी है जो कि कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत है तथा इसका पंजीकृत कार्यालय ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) उत्तर प्रदेश में है। उसकी कंपनी चार्टर्ड हेलीकॉप्टर उड़ाने तथा सहायक परिवहन गतिविधियों के व्यवसाय में लगी हुई है। अभय कुमार इस कंपनी के एम् डी, और धीरेन्द्र सिंह व श्रीमति चंद्रलेखा सिंह डायरेक्टर हैं और ये सभी व्यक्ति आरोपी कंपनी के दिन—प्रतिदिन के मामलों के लिए उत्तरदायी हैं। उसकी कंपनी को किराए पर चलाने के लिए हैलीकाप्टर की जरुरत थी। धीरेन्द्र सिंह आदि को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने उससे संपर्क किया और उन्होंने उसको बताया कि उनके पास हैलीकाप्टर हैं और वो हैलीकाप्टर उसको किराए पर दे सकते हैं। उपरोक्त लोगों ने उसको बहुत सारे कागजात भी दिखाए, जिसके मुताबिक उन्होंने उसको बताया कि उन्होंने 8 एविएशन कम्पनी को टेक ओवर किया है और उनके पास वीटी हैलीकाप्टर के पूरे अधिकार है और वो सब उसको किराए पर दे देंगे। उनकी बातों का विश्वास करके, उसने उनके साथ एक समझौता किया, जिसके मुताबिक उनको नीचे उल्लिखित हेलीकॉप्टर (जो कि उनके मुताबिक उन कंपनी के नियंत्रण और प्रबंधन के अधीन है/थे) ऑगस्टा 109—ई पावर, वीटी—एचएक्स (7 सीटिंग) जैसे हेलीकॉप्टर उसको प्रदान करने थे, इसके अतिरिक्त वीटी—सीएलएन, वीटी सीएलआर वीटी—एचएचए, वीटीएलजेबी, बेल 407. बीटीपीएचएन) (7 सीटिंग) चारधाम यात्रा 2024 के लिए 15 मई 2024 से 30 जून 2024 तक और 15 सितंबर 2024 से 28 अक्टूबर 2024 तक प्रदान करने थे। उपर्युक्त समझौते के तहत, उन्होंने उससे समझौते के तहत दो खातों में एक करोड़ अस्सी लाख निन्यानबे हजार नौ सौ पंचानवे रुपए लिए। ये खाते कंपनी और अभय कुमार के थे। पैसे लेने के बावजूद, उन्होंने उसको उपरोक्त हैलीकाप्टर नहीं दिए और जांच करने पर उनके बातें, कागज और वादे, पूरी तरह से झूठे, भ्रामक और तथ्यों के विपरीत पाए गए। वास्तव में ये सभी अभ्यावेदन, झूठी जानकारी और झूठे अभ्यावेदन देकर उनकी मंशा उसको धोखा देने की थी और ये सब बातें, कागज, और वादे अभियुक्तों द्वारा दुर्भावनापूर्ण इरादे से किए गए थे, क्योंकि उपरोक्त हेलीकॉप्टरों के बारे में उनके दावे झूठे पाए गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

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