September 18, 2024देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रातूडी ने प्रदेश भर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की।आज यहां मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने सभी कलेक्शन सेन्टर की लोकेशन मैपिंग, उनके संचालन की स्थिति, वर्तमान में उनका कितना वास्तविक उपयोग हो रहा है, इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट सम्बन्धित विभाग से मांगी है। मुख्य सचिव ने आरईएपी (ग्रामीण उघम वेग वृद्धि परियोजना) के तहत वेसाइड एमेनीटिस एवं क्लेक्शन सेन्टर निर्माण की इकाई दरों के संशोधन के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन दिया। उन्होंने कृषि विभाग को पर्वतीय फसलों, दालों व मिलेट के सर्टिफाइड बीजों के उत्पादन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रोजेक्ट पर अनुमोदन देते हुए आरईएपी के तहत इस क्षेत्र में 400 उघमियों को तैयार करने लक्ष्य समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने तेजपत्ता के दोहन व वैल्यू एडिशन की वैश्विक पद्धतियों का भीमताल व ओकलकान्डा ब्लॉकों में विस्तार करते हुए 500 उघमी तैयार करने, बकरी की नस्ल एवं मूल्य श्रृखंला उत्पाद विकास के तहत 728 उघमी तैयार करने, रेशम विभाग की सहायता से दून सिल्क धरोहर संरक्षण के तहत 300 उघमी तैयार करने, मुर्गीपालन हेतु मदर यूनिट व रियरिंग यूनिट स्थापना के माध्यम से 503 उघमी तैयार करने, मशरूम कम्पोस्ट व उत्पादन इकाई के तहत 402 उघमी तैयार करने के कुल 6033.59 लाख रूपये के प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया। मुख्य सचिव ने महिलाओं के कार्य के बोझ को कम करने के उद्देश्य से 2000 ग्राम संगठनों को राष्ट्रीय निविदा के माध्य से छोटे व उन्नत कृषि/उघान यंत्रों के वितरण के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए इस सम्बन्ध में विभाग को निर्देश दिए हैं कि फार्मिंग यंत्रों के वितरण से महिलाओं के कार्य कितना बोझ कम हुआ है, इस सम्बन्ध में एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जाए। सचिवालय में आरईएपी(ग्रामीण उघम वेग वृद्धि परियोजना) की चौथी उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, धीराज गर्ब्याल, अपर सचिव मनुज गोयल, विनीत कुमार सहित सभी उपायुक्त व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
September 18, 2024देहरादून। नशे के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत एसटीएफ की एंटी नार्काेटिक्स टास्क फोर्स को खासी सफलता हाथ लगी है। एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स ने बरेली के एक नशा तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से 90 लाख रूपये की स्मैक बरामद की है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि बीती शाम एक सूचना के आधार पर एंटी नारकोटिक्स कुमाऊं यूनिट द्वारा थाना किच्छा क्षेत्र में स्थानीय पुलिस को साथ लेकर संयुक्त कार्यवाही करते हुए दरऊ रोड पर मोक्ष द्वार पुराना ईट भटृा के सामने से एक व्यक्ति हामीद रजा पुत्र अहमद रजा निवासी वीर सावरकर नगर, ढेला पीर थाना इज्जतनगर बरेली उत्तर प्रदेश को करीब 323 ग्राम स्मैक व तस्करी में प्रयुक्त बाइक के साथ गिरफ्तार किया गया। जिसके द्वारा पूछताछ पर बताया गया कि बरामद की गयी स्मैक को वह उत्तर प्रदेश के बरेली से लेकर आया था। जिसको आज रुद्रपुर में बेचने जा रहा था। टीम द्वारा पूछताछ में अन्य कई ड्रग्स तस्करों के नाम की जानकारी हुई है जिन पर अलग से कार्यवाही की जायेगी। एसटीएफ एसएसपी के अनुसार तस्करी के धन्धे में लिप्त् आरोपी विगत 2 सालों से बरेली, मीरगंज से स्मैक लाकर रुद्रपुर, सितारगंज, किच्छा छेत्र में अपने फिक्स एजेण्टों को सप्लाई कर रहा था। बरामद स्मैक की कीमत 90 लाख रूपये बतायी जा रही है।
September 18, 2024दून से लेकर दिल्ली तक कांग्रेसियों का प्रदर्शन कांग्रेस ने चार भाजपा नेताओं पर केस दर्ज कराया नई दिल्ली/देहरादून। भाजपा के सांसद व नेताओं द्वारा नेता विपक्ष राहुल गांधी पर की जाने वाली अभद्र टिप्पणियों व धमकियां दिए जाने को लेकर कांग्रेसी नेता आग बबूला है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेसियों ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पर जमकर बवाल काटा तथा दून सहित अन्य तमाम स्थानों पर भाजपा के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया और पुतले फूंके हैं। यही नहीं इसे लेकर कांग्रेसियों ने मुंबई से लेकर दिल्ली और जयपुर तक भाजपा के नेताओं पर मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं।उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद रवनीत बिटृू ने राहुल गांधी को आतंकवादी और देश का दुश्मन बताया है। वही एक भाजपा नेता ने उन्हें यह कहकर जान से मारने की धमकी दी है कि राहुल तेरा भी वैसा ही हाल होने वाला है जैसा तेरी दादी का हुआ था। शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड ने तो राहुल की जीभ काटकर लाने वाले को 11 लाख के इनाम की घोषणा कर दी गई। राहुल पर टिप्पणी करने वालों की लंबी फेरहिस्त है लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बाबत पीएम मोदी को खत लिखकर इन नेताओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है, वही चार नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।इस विवाद की जड़ में राहुल द्वारा अमेरिका दौरे के समय आरक्षण और सिख समुदाय को लेकर भारत की सामाजिक व्यवस्था व उसमें भय के माहौल को लेकर दिए गये बयान है। कांग्रेस का कहना है कि अगर राहुल ने ऐसा कुछ कहा है जो देशद्रोह की श्रेणी में आता है या आपत्तिजनक है तो भाजपा उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजे। इस तरह के आपत्तिजनक बयान दिया जाना गैरकानूनी है, असंवैधानिक है। कांग्रेस इसे कतई भी बर्दाश्त नहीं करेगी।वहीं देहरादून में आज बड़ी संख्या में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेसी सड़कों पर उतरे तथा भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कहना है कि अपनी नैय्या डुबती देख भाजपा नेता बौखला गए हैं और अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं जिसे कांग्रेस कार्यकर्ता कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी, प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, प्रदेश महासचिव मनीष नागपाल, महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला थापा, डॉ प्रतिमा ,आलोक मेहता, पूनम कडारी, गौरव शर्मा, मोहम्मद फारुख, वीरेंद्र पवार, अभिषेक तिवारी, शकील मंसूरी, उदय सिंह, मरगब आलम, संदीप जैन, इस्तवर, अनिफ, परवेज अंसारी, अरविंद गुरुंग, सुरेंद्र मेहरा, राज सहित कई अन्य लोग शामिल रहे।
September 18, 2024पिथौरागढ़। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।जानकारी के अनुसार पीड़िता ने कोतवाली पिथौरागढ़ पुलिस को शिकायत दी थी कि आरोपी रविन्द्र कोठारी (29) पुत्र प्रकाश चन्द्र मूल निवासी ग्राम उड़ई देवलथल थाना व जिला पिथौरागढ़ हाल निवासी रई पिथौरागढ़ ने उसे शादी का झांसा देकर वर्ष 2022 से उसका कई बार शारीरिक शोषण किया। जब वह गर्भवती हो गयी तो आरोपी पीड़िता का बच्चा गिराने की बात कहकर उससे मारपीट भी करने लगा। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी। जिसे साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने बीती शाम गिरफ्तार कर लिया है। जिसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
September 18, 2024देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ, यूपी एसटीएफ तथा वाइल्ड लाइफ क्राइम कस्ट्रोल ब्यूरो दिल्ली की टीम ने एक ज्वाइंट आपरेशन में बरेली क्षेत्र से तीन वन्य जीव तस्कारों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो हाथी दांत बरामद किए हैं। तस्करों के खिलाफ थाना सीवीगंज, बरेली में वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि एसटीएफ को उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में वन्यजीव अंगो की तस्करी का इनपुट मिल रहा था, जिस पर एसटीएफ की एक टीम को गोपनीय रुप से इस पर कार्यवाही हेतु लगाया गया था। इन तस्करों का भारी मात्रा में वनजीव अंगो के साथ बरेली में लोकेशन मिलने पर उत्तराखंड एसटीएफ के सीओ आरबी चमोला के नेतृत्व में उत्तराखण्ड एसटीएफ, यूपी एसटीएफ तथा डब्ल्यूसीसीबी दिल्ली की संयुक्त टीम ने बरेली के थाना सीवी गंज क्षेत्र में छापा मार कर तीन अन्तर्राज्यीय वनजीव तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से दो हाथी दांत (करीब सवा तीन फुट लंबाई के) बरामद किए गये है। भुल्लर ने बताया कि हाथी का शिकार कब, कहां और किस तरह किया गया, यह पूछताछ के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। उन्होंने बताया कि पकड़े गए तस्करों के खिलाफ थाना सीवीगंज जनपद बरेली में वन्यजीव अधि. (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार तस्कर लम्बे समय से वन्यजीव अंगो की तस्करी में लिप्त थे। गिरफ्तार तस्कराें के नाम आदित्य विक्रम पुत्र सत्येंद्र सिंह, निवासी मां वैष्णो कुंज, ग्रीन पार्क, थाना बारादरी, जनपद बरेली, उत्तर प्रदेश, नत्था सिंह पुत्र स्व. गुरदयाल सिंह निवासी गंगा बेहड़ फॉर्म, थाना मिगहसन, जिला लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश हाल नानकमत्ता गुरुद्वारा, थाना नानकमत्ता, जनपद उधम सिंह नगर व करण सिंह पुत्र स्व. सेवाराम निवासी, गली नंबर 1 मकान नंबर 3 थाना बारादरी, जनपद बरेली, उत्तर प्रदेश बताये जा रहे है।
September 18, 2024सत्ता की ताकत का प्रतीक बन चुके बुलडोजर की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में 1 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। बुलडोजर की कार्यवाही पर लगी इस अल्पकालिक रोक से निःसंदेह उन लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी जिन्हें फिलहाल यह लग रहा होगा कि पता नहीं कब बुलडोजर आकर उनके आशियाने को मिटृी में मिला देगा। अभी इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिंता जताई गई थी तब उसके बाद योगी सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि बुलडोजर चलता रहेगा। बीते कल भी जब सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए सालीसिटर तुषार मेहता ने यह दलील दी कि इस पर रोक लगाकर शासन—प्रशासन के काम को नहीं रोका जाना चाहिए तो पीठ का कहना था कि अगर 15 दिन के लिए कार्यवाही को रोक दिया जाएगा तो कोई आसमान धरती पर नहीं गिर जाएगा। इस मामले में कोर्ट द्वारा यह साफ किया जा चुका है कि शासन—प्रशासन द्वारा की जाने वाली यह बुलडोजर कार्यवाही असंवैधानिक है। भले ही किसी आरोपी पर अपराध सिद्ध भी क्यों न हो जाए उसका घर गिराने का अधिकार किसी के पास नहीं है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई यह बुलडोजर की कार्यवाही सत्ता ने अपनी ताकत का प्रतीक बना लिया था। योगी को लोग बाबा बुलडोजर के नाम से जानने लगे थे व उनका बुलडोजर समाज में भय का प्रतीक बन चुका था स्थिति ऐसी हो चली थी कि लोग सरकारी कार्यक्रमों तक में शक्ति के रूप में बुलडोजर का प्रदर्शन करने में लगे थे। उत्तर प्रदेश में इस बुलडोजर का प्रयोग और उसका असर ऐसा कुछ हुआ कि तमाम भाजपा शासित राज्यों की सरकारों ने इस बुलडोजर की संस्कृति का अनुसरण शुरू कर दिया। बुलडोजर को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं के बीच वाद—विवाद तो आए दिन की बात हो गई। सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर दायर की गई तमाम याचिकाओं में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इसका इस्तेमाल एक समुदाय विशेष के खिलाफ किया जा रहा है। कोर्ट का कहना है कि अभी वह सिर्फ बुलडोजर की कार्यवाही पर बात कर रहे हैं इस पर बाद में विचार किया जाएगा। एक आम आदमी को इस बात की नसीहत दी जाती है कि वह कानून को अपने हाथ में न ले क्योंकि कानून और इंसाफ के लिए न्यायपालिका है। तब क्या किसी भी सरकार और प्रशासन को इस बात का अधिकार है कि किसी भी व्यक्ति पर आरोप लगते ही वह सजा के तौर पर उसके घर पर बुलडोजर चला कर ध्वस्त कर दें कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जब आरोपी को अपना पक्ष रखने या अपने घर को बुलडोजर की कार्रवाई से बचाने के लिए न्यायपालिका की शरण में जाने तक का मौका भी नहीं दिया गया है। आरोपी हिरासत में है और उस पर लगे आरोप सही है या गलत है इसका फैसला होने से भी पहले उसके घर पर बुलडोजर की कार्यवाही कर दी जाती है। दरअसल घर बनाने के संघर्ष और घर उजड़े जाने की पीड़ा को एक आम आदमी ही समझ सकता है। जिसे एक घर बनाने में पूरी जिंदगी का संघर्ष करना पड़ता है। और अगर किसी एक भी ऐसे व्यक्ति को जो निर्दाेष है तथा उसकी घर भी वैधानिक रूप से बनाया गया हो उसे बुलडोजर की कार्यवाही का शिकार होना पड़ता है तो यह न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि अत्यंत ही दुखद भी है। खैर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस बुलडोजर की कार्यवाही पर अगली सुनवाई तक ही रोक लगाई गई है। फाइनल फैसला जब आएगा तभी यह पता चल सकेगा कि इस असंवैधानिक कार्य पर पूर्ण प्रतिबंध लगता है या नहीं।